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RBI Repo Rate Cut: रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्‍होत्रा ने अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ही आम आदमी का इंतजार खत्‍म कर दिया। उन्‍होंने 3 दिन तक चली एमपीसी (MPC) बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। इससे होम, ऑटो और पर्सनल सहित सभी तरह के खुदरा लोन सस्‍ते हो जाएंगे। आरबीआई ने लगातार 11 बार की एमपीसी बैठक में रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बनाए रखा था, लेकिन 12वीं बैठक में इसे घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने करीब 56 महीने के बाद यानी मई 2020 के बाद रेपो रेट में कटौती की है। वहीं करीब दो साल के बाद रेपो दरों में कोई बदलाव देखने को मिला है।

जानकारों की मानें तो देश के लोगों की लोन ईएमआई खासकर होम लोन ईएमआई कम होगी। एक ही हफ्ते में आम लोगों के लिए दूसरा तोहफा होगा। कुछ दिन पहले देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपए की सालाना कमाई को टैक्स से मुक्त कर दिया। अब देश के होम लोन बायर्स बड़ी राहत देते हुए लोन ईएमआई को कम कर दिया गया है। जानकारों की मानें तो आने वाली बाकी मीटिंग्स में लोन ईएमआई के कम होने का सिलसिला जारी रह सकता है। लोन ईएमआई कम करने की डिमांड काफी समय से देखने को मिल रही थी। आरबीआई एमपीसी पर काफी दबाव भी देखने को मिल रहा था। एमपीसी के 6 सदस्यों में से एक दो सदस्य पिछली कुछ मीटिंग्स में रेपो दरों में कटौती का समर्थन भी कर रहे थे। लेकिन मैज्योरिटी मेंबर्स रेपो रेट यथावत रखने के पक्ष में वो कर रहे थे। यहां तक कि केंद्र सरकार की ओर से भी लगातार दबाव बनता हुआ दिखाई दे रहा था। आरबीआई गवर्नर के रिटायरमेंट के बाद जब संजय मल्होत्रा ने आरबीआई गवर्नर का पद संभाला तब लगा कि रेपो रेट में कटौती देखने को मिल सकती है।