जमशेदपुर: ऑल इंडिया लोगो रनिंग स्टाफ एसोसिएशन की टाटानगर में एक सशक्त और एकजुट “अधिकार उद्घोषण सम्मेलन का आयोजन किया गया। कीताडीह स्थित यादव भवन आयोजित सम्मेलन में लोको रनिंग स्टाफों ने अपने स्वास्थ्य, पारिवारिक जीवन, और ऑपरेशनल सुरक्षा की रक्षा के लिए एकजुट होकर अन्यायपूर्ण ड्यूटी प्रथा का विरोध करने की शपथ ली।
इस मौके पर कहा गया कि शारीरिक और मानसिक थकान,स्वास्थ्य हानि,पारिवारिक जीवन में बाधा,और दुर्घटनाओं के जोखिम की ओर धकेल रहा है।बार-बार निवेदन के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है।
अन्याय पूर्ण ड्यूटी प्रथा का विरोध करने का यह शपथ सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक संकल्प है।
AILRSA की प्रमुख माँगे:
1. ड्यूटी और विश्राम के नियमों का तत्काल क्रियान्वयन
2. अन्यायपूर्ण चार्जशीट और दबाव डालने की प्रक्रिया पर रोक
3. लोको पायलट और सहायक लोको पायलट के सम्मानजनक और मानवीय कार्य-जीवन संतुलन की बहाली
AILRSA का संदेशः
“हम देश की ट्रेनों को बिना रुके चलाते हैं अब समय है कि हम अपना उचित विश्राम और सम्मान पुनः प्राप्त करें। हमारी शपथ ही हमारा अनुशासन है, हमारी एकता ही हमारी शक्ति है।”:
जिसमें पूरे जोन से सैकड़ों लोको रनिंग स्टाफ ने भाग लिया। जिसमें लोको रनिंग स्टाफ के सम्मान, अधिकारों और मानवीय कार्य स्थितियों की रक्षा करने की दृढ़ प्रतिजा ली गई।
सम्मेलन का उद्देश्यः
रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों जैसे RBE 143/2016 और RBE 120/2016 के बावजूद लगातार हो रहे उल्लंघनों के खिलाफ, ड्यूटी घंटे और विश्राम से संबंधित मौलिक अधिकारों को लागू करने की शपथ लेना।
शपथ के मुख्य बिंदुः
446 घंटे की पीरियडिक रेस्ट बिना किसी समझौते के अवश्य लेंगे।
किसी भी स्थिति में 9 घंटे से अधिक की ड्यूटी स्वीकार नहीं करेंगे।
4 आउटस्टेशन पर 36 घंटे की ड्यूटी के बाद मुख्यालय लौटना अनिवार्य मानेंगे।
दो से अधिक लगातार नाइट ड्यूटी नहीं करेंगे, जिससे स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर प्रभाव न पड़े।AILRSA नेताओं ने कहा कि ड्यूटी समय सीमा का लगातार उल्लंघन हो रहा है।