लातेहार: जिले के बारेसाढ पंचायत क्षेत्र में अबुआ आवास के नाम पर अक्सी बालू घाट से अवैध रूप से बालू उठाव का सिलसिला लगातार जारी है। यह बालू पंचायती राज विभाग के लिए निर्धारित है, जिसका उपयोग केवल अबुआ आवास, प्रधानमंत्री आवास और शौचालय निर्माण जैसे सरकारी कार्यों में ही होना चाहिए।
इसके बावजूद दिनदहाड़े प्रशासनिक मिलीभगत से बड़े पैमाने पर बालू का उठाव कर झुमरी–तेनटाड़ गांव में खुलेआम डंप किया जा रहा है। प्रतिदिन 7–8 ट्रैक्टर बालू घाट से निकाला जाता है, जिसे बाद में तेनटाड़ में बन रहे पुल और पीसीसी सड़क निर्माण में उपयोग किया जा रहा है। यह विभागीय नियमों का सीधा उल्लंघन है।
इस संबंध में महुआडाड़ के अंचल अधिकारी संतोष बैठा को औपचारिक शिकायत दी गई थी। उन्होंने दो दिनों के लिए बालू उठाव पर रोक भी लगाई, लेकिन यह कार्रवाई केवल औपचारिकता साबित हुई। कुछ ही दिनों बाद फिर उसी प्रक्रिया के तहत अबुआ आवास के नाम पर बालू उठाव फिर से शुरू कर दिया गया और वही बालू टेंडर वाले कार्यों में गिराया जाने लगा।
इन परिस्थितियों ने प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या रोक केवल दिखावा थी? क्या अवैध उठाव प्रशासन की जानकारी में जारी है? क्या पंचायत के संसाधनों का योजनाबद्ध तरीके से दुरुपयोग हो रहा है?
मामला अब बड़े घोटाले का रूप ले चुका है और सरकारी संसाधनों की खुली लूट का प्रमाण बन गया है।
इसके साथ ही एक और चिंताजनक पहलू सामने आया है। जब भी कोई पत्रकार इस तरह की अनियमितताओं और सच को उजागर करने की कोशिश करता है, तब उसके ऊपर दबाव बनाने, मानसिक उत्पीड़न करने, आर्थिक नुकसान पहुंचाने या झूठे आरोप लगाने जैसी घटनाएँ बढ़ जाती हैं। यह न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए भी गंभीर खतरा है।
इसी वजह से पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठ रही है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। पंचायत और सरकारी योजनाओं में उपयोग होने वाले संसाधनों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अब कड़े हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
अबुआ आवास के नाम पर सरकारी बालू की लूट, प्रशासनिक मिलीभगत से बड़े पैमाने पर अवैध उठाव जारी; जांच की मांग













