Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज है। महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। यह पर्व पूरे देश में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर अलग-अलग स्थानों पर भव्य शिव बारात निकाली जाती है जिसमें भक्तगण हर्षोल्लास से भाग लेते हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिव-गौरी की पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि आती है इस दिन व्रत रखने और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा और सुयोग्य जीवनसाथी मिलने का आशीर्वाद मिलता है। यह वही पावन दिन है जब भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ थाना। इस साल की महाशिवरात्रि समस्त विश्व के लिए कल्याणकारी है।
महाशिवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ: आज, सुबह 09:17 बजे से फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: कल, सुबह 8 बजे तक श्रवण नक्षत्र: शाम 04:10 तक, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र निशिता मुहूर्त: 12:09 AM से 12:59 AM तक
महाशिवरात्रि व्रत का पारण: कल सुबह 8 बजे से पहले
महाशिवरात्रि पर पूजा विधि
* महाशिवरात्रि को सुबह में स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें. उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें।
* आज सुबह 09:17 बजे से महाशिवरात्रि तिथि लग रही है, तो इस समय से आप शिव पूजा करें। किसी भी शिव मंदिर या घर में ही शिव जी की विधि विधान से पूजा करें।
* सबसे पहले भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। फिर उनको अक्षत्, फूल, फल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, आक के फूल, बेर, शहद, दूध, शहद, चंदन, वस्त्र आदि अर्पित करें
* इसके बाद माता पार्वती की पूजा करें. उनको फूल, पीला सिंदूर, अक्षत्, श्रृंगार सामग्री आदि अर्पित करें। शिव जी के साथ उनका गठंबंधन कराएं। फिर गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और अशोक सुंदरी की पूजा करें, भोग लगाएं।
* फिर शिव चालीसा का पाठ करें, उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत कथा सुनें। अंत में शिव जी की आरती से पूजा का समापन करें।
महाशिवरात्रि व्रत का महत्व
महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति महादेव की पूजा करने के साथ व्रत का पालन करता है। उसे जीवन के सभी कष्टों से मु्क्ति मिलती है। इस अलावा यह जो भी अविवाहित कन्याएं शिवरात्रि का व्रत तथा पूजन करती हैं उसे जल्दी ही विवाह के योग बनते हैं और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।