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मंईयां सम्मान योजना देश हित में नहीं.. इसके लिए सख्त कानून बनाए सुप्रीम कोर्ट : विष्णु साहु

On: November 15, 2024 5:09 PM
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मदन साहु

सिमडेगा: मंईयां सम्मान जैसी अनेक योजनाएं देश के अनेक राज्यों में बांटी जा रही हैं। राज्य सरकारें और जनता कर्ज में डूबी हुई हैं और राजनीतिक पार्टियां बिना किसी मेहनत के फ्री की रेवड़ियां बांट रही हैं। कोई 1000, कोई 2100, कोई 2500, 450~500 में गैस सिलिंडर बांट रहा है। सरकारों को राज्यों में शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और क्षेत्र के विकास की चिंता नहीं। जो राजनीतिक पार्टियां चुनावी दौर में इस प्रकार के वादे कर रहे हैं ये अपने आप में एक भ्रष्टाचार है और वोट मांगने के लिए दिया गया घुस है। इसे रोक लगाने हेतु अब झारखंड हाईकार्ट नहीं, माननीय सुप्रीम कोर्ट में जन हित याचिका दाखिल करते हुए मांग की गई है कि इसे बंद करने के लिए कानून बनाया जाए और जो पार्टियां ऐसी वादा करती हैं, उनकी मान्यताएं रद्द की जाए। चुनाव आयोग उनके चुनाव चिन्ह रद्द करे। जिसकी सुनवाई करते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। चार सप्ताह बाद इसकी दुबारे सुनवाई होने वाली है। हम आशा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस पर कड़ा रुख अपनाएगी। क्योंकि इस तरह की मुफ्तखोरी चुनाव के पहले बंद नहीं हुई तो हमारे देश और राज्यों की अर्थव्यवस्था ही बिगड़ जाएगी। कई राज्य कर्ज में डूबी हुई हैं और हमारा देश भी कर्ज में डूब जायेगा। साथ ही हमारे देश की जनता अलसी और निकम्मी हो जाएगी। ऐसी मुफ्तखोरी तुरत ही बंद होनी चाहिए।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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