पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश की राजनीति में संदेशखाली में टीएमसी नेताओं के द्वारा महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामला सुर्खियों में है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुरी तरह घिर गई है। मामला राजभवन से लेकर कोर्ट कचहरी और लोकसभा प्रिविलेज कमेटी तक पहुंच गई है। लोकसभा प्रिविलेज कमेटी ने बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को दिल्ली तलब कर दिया है वहीं दूसरी ओर अनुसूचित जाति आयोग ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दी है। इसके बाद हड़कंप मच गया है। आनन फानन में पुलिस एक्शन में आई और यह उत्पीड़न के मामले में संदेश खाली के टीएमसी नेता शिवप्रसाद (शिबू) हाजरा को गिरफ्तार कर लिया है और दूसरी ओर खबर यह भी है कि पुलिस ने संदेशखाली कांड में गैंग रेप की धारा भी जोड़ दी है। इधर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की घटना को कलंक बताया है।
बता दें कि संदेश खाली कांड के मुख्य आरोपी शाहजहां से फरार बताया जा रहा है।
जबकि आरोपी उत्तम सरदार और शिवप्रसाद (शिबू) हाजरा के खिलाफ गैंगरेप की धाराएं लगाई गई हैं। उत्तम सरकार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दूसरी ओर, शिवप्रसाद को भी शनिवार को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक एक महिला ने पुलिस को गुप्त बयान दिया है।उसकी शिकायत के आधार पर उत्तम और शिबू के खिलाफ मामले में सामूहिक दुष्कर्म की धारा जोड़ी गई। शनिवार को उत्तम को बशीरहाट सब-डिविजनल कोर्ट में पेश किया गया।उन्हें 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
बता दें कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख के सहयोगियों उत्तम सरकार और शिवप्रसाद के खिलाफ महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। स्थानीय महिलाओं ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किया था और इन नेताओं के घरों में आग लगा दी थी। महिलाओं के प्रदर्शन के बाद प्रशासन जागी और इन नेताओं को गिरफ्तार किया।
मामले में सरकारी वकील अरुण पाल ने कहा, ”दो धाराएं जोड़ी गई हैं. 376 (D)और 307 सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी गई है।उस मामले में 10 दिन की हिरासत मांगी गई है। बशीरहाट पुलिस जिला अधीक्षक हुसैन मेहदी रहमान ने कहा कि संदेशखाली अब नियंत्रण में है। यह धारा सामूहिक दुष्कर्म के आरोप के कारण जोड़ी गई थी। पूरे मामले की जांच करायी जायेगी।
मीडिया दूसरी ओर, संदेशखाली विवाद के बीच राज्य पुलिस के एडीजी (दक्षिण बंगाल) का ट्रांसफर कर दिया गया। बारासात के डीआइजी का भी तबादला कर दिया गया है। बता दें कि संदेशखाली क्षेत्र इन दोनों पुलिसकर्मियों के नियंत्रण में आता है।सिद्धनाथ गुप्ता को 31 जनवरी को एडीजी (दक्षिण बंगाल) के पद से स्थानांतरित कर दिया गया था. हालांकि, संदेशखाली में अशांति शुरू होते ही उन्हें वहां भेज दिया गया. इस बार सुप्रतिम सरकार को उस पद पर लाया गया. सुप्रतिम राज्य पुलिस के एडीजी (यातायात एवं सड़क सुरक्षा) के पद पर थे।
संदेशखाली और न्याजत पुलिस स्टेशन बारासात के डीआइजी के नियंत्रण में हैं. शनिवार को बैरास्ट के डीआइजी सुमित कुमार को हटाकर भास्कर मुखोपाध्याय को वहां लाया जा रहा है. सुमित को डीआइजी सुरक्षा के पद पर तैनात किया गया है. भास्कर को 31 जनवरी को बारासात पुलिस जिला अधीक्षक से मालदह रेंज के डीआइजी पद पर पदस्थापित किया गया था।
कुछ साल पहले उत्तर 24 परगना के बागुईआटी में दो स्कूली छात्रों की हत्या के मामले में सुप्रतिम को बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के पद से हटा दिया गया था. तब से सुप्रतिम राज्य पुलिस यातायात और सड़क सुरक्षा के एडीजी और आईजीपी के पद पर थे।
संदेशखाली कांड में राज्य प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है।विपक्ष खासकर पुलिस प्रशासन की लगातार आलोचना कर रहा है. उनका दावा है कि संदेशखाली की ‘अराजकता’ की जड़ पुलिस की निष्क्रियता और पुलिस कर्मियों के एक वर्ग का समर्थन है. हालांकि पुलिस प्रशासन ने शुरू से ही इस आरोप से इनकार किया है. उनके मुताबिक पुलिस सभी शिकायतों के आधार पर उचित कार्रवाई कर रही है।