कोलकाता/जलपाईगुड़ी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर SIR (Special Information Revision) प्रक्रिया को लेकर गम्भीर चिंता जताई है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया को चुनाव से ठीक पहले अचानक तेज कर दिया गया है, जिस कारण जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों पर अमानवीय दबाव पड़ रहा है। ममता के अनुसार, भारी काम के बोझ और तनाव के चलते अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है।
जलपाईगुड़ी में BLO की आत्महत्या का मामला ताजा ट्रिगर
ताजा घटना जलपाईगुड़ी के माल इलाके से सामने आई है, जहाँ एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) शांति मुनी एक्का ने कथित तौर पर काम के अत्यधिक दबाव और मानसिक तनाव की वजह से अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। शांति मुनी एक आदिवासी महिला थीं और आंगनवाड़ी सेविका के रूप में भी काम करती थीं। परिजनों और सहकर्मियों के अनुसार, SIR प्रक्रिया के दौरान उन पर लगातार बोझ बढ़ता जा रहा था, जिसे वह संभाल नहीं सकीं।
ममता बोलीं– यह सिर्फ डेटा अपडेट नहीं, कर्मचारियों की जिंदगी का सवाल है
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट लिखते हुए कहा कि SIR प्रक्रिया शुरू होने के बाद से अब तक 28 कर्मचारी मौत का शिकार हुए हैं। कोई डर और मानसिक तनाव के कारण, कोई अनिश्चितता के कारण और कई लोग लगातार बढ़ते कार्यभार की वजह से। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को अव्यवस्थित और जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताया।
3 साल का काम 2 महीने में करने को कहा जा रहा है : ममता
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जो प्रक्रिया सामान्यतः तीन साल में पूरी की जाती है, उसे चुनाव से ठीक पहले केवल दो महीने में निपटाने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इतनी तेज रफ्तार और बिना पर्याप्त प्रशिक्षण या योजना के काम कराया जाना “मानव जीवन के साथ खिलवाड़” है।
राजनीतिक स्वार्थ का आरोप
ममता बनर्जी का कहना है कि SIR को तेजी से पूरा करने का प्रयास “राजनीतिक स्वार्थ” से प्रेरित है। मुख्यमंत्री का आरोप है कि इस जल्दबाजी ने BLO और अन्य फील्ड कर्मचारियों को गंभीर मानसिक दबाव में डाल दिया है, जिससे वे टूटने लगे हैं।
चुनाव आयोग से तत्काल रोक लगाने की मांग
ममता ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह SIR की मौजूदा प्रक्रिया पर पुनर्विचार करे और इसे तत्काल प्रभाव से रोका जाए। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि उन कर्मचारियों की जिंदगी का सवाल है जो दिन-रात फील्ड में काम कर रहे हैं।
अगर प्रक्रिया ऐसे ही चली तो और जानें जाएंगी
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि SIR कार्य इसी तरह अनियोजित तरीके से चलता रहा, तो और भी कर्मचारियों की जानें खतरे में पड़ सकती हैं। उन्होंने आयोग से कर्मचारी सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और कार्यभार संतुलन पर स्पष्ट नीति बनाने की मांग की है।














