रांची:- कलेक्टर कार्यालय परिसर स्थित रिकार्ड रूम से जमीन के कई दस्तावेज चोरी हो गये। चोरों ने रिकार्ड रूम के पीछे की खिड़की की ग्रिल तोड़कर वारदात को अंजाम दिया। संदेह है कि चोरी गए दस्तावेजों में 114 से 164 साल पुराने रिकॉर्ड शामिल हैं।
गुरुवार सुबह जब कर्मचारियों ने रिकॉर्ड रूम का दरवाजा खोला तो उन्हें घटना की जानकारी हुई। कर्मचारियों ने देखा कि रिकार्ड रूम में रखी चार अलमारियों के ताले खुले हुए थे। साथ ही कई दस्तावेज जमीन पर बिखरे हुए हैं। कर्मचारियों ने आपस में बात करने के बाद घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। सूचना मिलने के बाद दोपहर एक बजे पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने फिंगर प्रिंट के नमूने लेने के लिए एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया।
कर्मचारियों के मुताबिक, रिकॉर्ड रूम में अंग्रेजों के समय से लेकर अब तक की कई जमीनों के अलावा आदिवासी जमीन समेत अन्य प्राकृतिक जमीनों का रिकॉर्ड था। इस कारण पुराने रिकार्ड को ठिकाने लगा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, यहां रखे साल 1932 के दस्तावेजों को स्कैन कर लिया गया है, लेकिन साल 1910 और 1860 के रिकॉर्ड को स्कैन नहीं किया गया है। इसमें भुईहरी जमीन की खतियान भी शामिल हैं।
चोरी का मामला दर्ज
समाहरणालय कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में चोरी की घटना को लेकर रांची के कोतवाली थाना पुलिस ने प्रभारी उप समाहर्ता स्मृति कुमारी की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वह गुरुवार की सुबह 11 बजे जिला अभिलेखागार पहुंचीं। वहां उन्होंने देखा कि सारी अलमारियां खुली हुई थीं। साथ ही स्ट्रांग रूम का ताला टूटा हुआ था।
फिलहाल ईडी जमीन से जुड़े कई मामलों की जांच कर रही है। ऐसे में ईडी से बचने के लिए योजनाबद्ध तरीके से पुराने दस्तावेजों को रिकॉर्ड रूम से चुराया गया है, ताकि जांच के दौरान जमीन के मूल दस्तावेज ईडी के हाथ न लग जाएं।
चोरी बुधवार रात से गुरुवार सुबह के बीच हुई होगी। कलेक्टर कार्यालय परिसर में काम पूरा होने के बाद रात के समय दोनों तरफ से गेट बंद कर दिए जाते हैं। सुरक्षा के लिए जवान भी तैनात हैं। ऐसे में जवानों को चोरी की जानकारी क्यों नहीं मिली, यह बात इस घटना में अहम मुद्दा है।