सना/यरुशलम। यमन की राजधानी सना में इजरायली हवाई हमले में हूती नियंत्रित सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मौत हो गई। हूती सशस्त्र समूह ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अल-रहावी गुरुवार को हुए हमले में कई अन्य मंत्रियों के साथ मारे गए।
हूती समूह ने बताया कि हमला तब हुआ जब शीर्ष नेता एक अपार्टमेंट में राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित हो रहे भाषण कार्यक्रम को देख रहे थे। यमन के एक स्थानीय चैनल ने दावा किया कि हमले के समय प्रधानमंत्री अल-रहावी अपने सहयोगियों के साथ मौजूद थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में हूती रक्षा मंत्री मोहम्मद नासिर अल-अथिफी और चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद अब्द अल-करीम अल-गमारी भी मारे गए हैं।
इजरायल का बयान
इजरायली सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसने यमन के सना क्षेत्र में हूती आतंकी शासन के सैन्य ठिकाने को निशाना बनाकर सटीक हमला किया है। सेना के अनुसार यह कार्रवाई हूती विद्रोहियों की ओर से लगातार किए जा रहे मिसाइल हमलों के जवाब में की गई।
हमास के समर्थन में इजरायल पर मिसाइल दाग रहे हैं हूती
गाजा युद्ध के दौरान हूती विद्रोही लगातार इस्राइल पर मिसाइलें दागते रहे हैं। उनका कहना है कि ये हमले फलस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए किए जा रहे हैं। हालांकि, यमन से छोड़ी गई अधिकांश मिसाइलों को इस्राइली रक्षा प्रणाली ने हवा में ही नष्ट कर दिया। इस सप्ताह की शुरुआत में भी इजरायली हवाई हमलों ने सना के कई इलाकों को निशाना बनाया था, जिसमें कम से कम 10 लोग मारे गए और 102 घायल हो गए थे। यह जानकारी हूती संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी।
ट्रंप प्रशासन के साथ समझौते की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि इससे पहले भी इजरायल और अमेरिका ने यमन के हूती कब्जे वाले इलाकों पर कई बार हवाई हमले किए हैं। इनमें राजधानी सना और रणनीतिक महत्व वाले तटीय शहर होदेदा शामिल रहे हैं। मई में इस्राइली हमलों के चलते सना हवाई अड्डा भी बंद हो गया था।
ट्रंप प्रशासन ने इसी वर्ष मई में हूतियों के साथ एक समझौते की घोषणा की थी। समझौते के तहत विद्रोही लाल सागर में जहाजों पर हमले रोकने पर सहमत हुए थे, बदले में उन पर हवाई हमले नहीं किए जाएंगे। हालांकि हूतियों का कहना है कि यह समझौता उन ठिकानों पर लागू नहीं था जो इजरायल से संबद्ध माने जाते हैं।
यमन में चल रहे गृहयुद्ध और गाजा संघर्ष के बीच यह हमला पश्चिम एशिया की सुरक्षा स्थिति को और अधिक अस्थिर कर सकता है। प्रधानमंत्री अल-रहावी और उनके मंत्रिमंडल के शीर्ष नेताओं की मौत से न केवल हूती शासन को गहरा झटका लगा है, बल्कि इससे क्षेत्र में नए भू-राजनीतिक समीकरण भी उभर सकते हैं।
इजरायली हवाई हमले में हूती प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मौत, कई मंत्री भी मारे गए

