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जमशेदपुर; आदिवासी हो समाज बिरसा स्पोर्टिंग क्लब में 23 जुलाई को एक आपातकालीन बैठकी रखी गई, जिसकी अध्यक्षता आदिवासी हो समाज सीतारामडेरा के अध्यक्ष श्री सोनू हेंब्रम द्वारा की गई। इस बैठकी का मुख्य उद्देश्य था आदिवासी +2 उच्च विद्यालय के प्रांगण में स्थित देशऊली मागे पूजा स्थल एवम सांस्कृतिक अखड़ा को क्षतिग्रस्त होने से बचाना।

इस मौके पर हो समाज के अध्यक्ष सोनू हेंब्रम ने कहा झारखन्ड शिक्षा परियोजना की ओर से आदीवासी +2 उच्च विद्यालय का चयन आदर्श विद्यालय के रूप में हुआ है , जिसके एवज में तीन रूम बनने का प्रस्ताव शिक्षा परियोजना की ओर से प्रस्तावित हुआ है , इस रूम के निर्माण हेतु स्कूल प्रबंधन द्वारा उक्त देशा उली मागे पूजा अखड़ा जहां विद्यमान है , वहां रूम बनाने जा रही है। अगर उस स्थान पर रूम बन जाएगा तो हो समुदाय का पूजा पाठ और पारंपरिक सांस्कृतिक नृत्य अखड़ा सब खत्म हो जाएगा। इसी मुद्दे पर विचार विमर्श हेतु ही यह बैठकी रखी गई थी। गत दिनांक 20 जुलाई गुरुवार को इस समस्या के समाधान हेतु ही जिला के डीसी, अनुमंडल पदाधिकारी साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। माननीय विधायक सरयू राय जी ने भी उक्त भवन के शिल्यानाश कार्यक्रम में स्कूल प्रबंधक को वर्तमान में स्तिथ भवन के ऊपर ही तीन रूम बनाने का निर्देश स्कूल प्रबंधक को दिया था किंतु उनके आदेश की भी अवहेलना की जा रही है।

समस्त उपस्थित बस्ती वासियों एवम विभिन्न समुदायों से आए हुए वक्ताओं ने भी अपने विचार एवम सुझाव रखे।

हो समाज के दिउरी श्री मंगल हंसदा जी ने कहा , हमारा समाज शिक्षा के विरोध नहीं है , शिक्षा का सम्मान और आदर सदैव करता आया है, इसी उद्देश्य से ही हो समाज के दिउरियों के वंशजो ने अपने जमीन कुछ हिस्सा शिक्षा हेतु प्रदान किया गया था। किंतु यदि बात धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की आएगी तो आदिवासी समाज चुप नहीं रहेगा , इसका कड़ा विरोध करेगा ।

अंत में यह प्रस्ताव सर्वसहमति से पारित हुआ की स्कूल प्रबंधन से इस विषय पर जल्द से जल्द बैठकी के जरिए बातचीत हो। पूर्वी जमशेदपुर के विधायक माननीय सरयू राय जी साथ ही जिला प्रशासन के समक्ष अपना विरोध दर्ज किया जाएगा। पूजा स्थल एवम अखड़ा में अनावश्यक निर्माण कार्य का विरोध किया जाएगा।

बैठकी में कैरा सुंडी, महावीर सामड, दुर्गामुनी, लता अंजली पाडेया, मंगल हंसदा, हरीश हेमब्रॉम, राहुल बारदा, शांति जमुदा, शंभू मुखी, गोमिया सुंडी, गंगा राम तिर्की, राकेश उरांव, लक्ष्मी नारायण, सुशील सवैया रामू तिर्की, सूरजा बस्के, शिशु टुडू, राजू सिंह, उपेंद्र बानरा, विष्णु बानरा, कोल झारखंड बोदरा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संगीता सामड और धन्यवाद ज्ञापन प्रियंका बिरुआ ने किया।

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