14000 करोड़ रुपए घोटाले का मुख्य आरोपी मेहुल चौकसी पुलिस के हत्थे चढ़ा
एजेंसी: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहब्बुर राणा भारतीय केंद्रीय एजेंसियों के हाथ लगने के बाद भारत को एक और बहुत बड़ी सफलता मिली है। अब पंजाब नेशनल बैंक में कथित रूप से 14000 करोड़ के चर्चित घोटाले का मुख्य आरोपी भगोड़ा मेहुल चौकसी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी चल रही है जल्द ही उसके भी भारत लाए जाने की संभावना है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय जांच एजेंसियों ने बेल्जियम पुलिस से मेहुल चौकसी को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था उसके बाद बेल्जियम पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स केमुताबिक यह गिरफ्तारी मुंबई की एक अदालत द्वारा जारी दो गैर-जमानती वारंट (23 मई 2018 और 15 जून 2021) के आधार पर हुई है. भारतीय अधिकारी अब चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने में जुटे हैं.चोकसी लंबे समय से फरार था और अब उसकी गिरफ्तारी से इस बड़े बैंक घोटाले में न्याय की उम्मीद बढ़ गई है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक,भारतीय अधिकारियों ने चोकसी का पता लगाने के बाद बेल्जियम सरकार से उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी. सूत्रों का कहना है कि चोकसी कथित तौर पर इलाज के बहाने स्विट्जरलैंड जाने की योजना बना रहा था. उसने वहां एक कैंसर अस्पताल में इलाज की बात कही थी.
मेहुल चोकसी, उनके भतीजे नीरव मोदी, उनके परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और कुछ बैंक अधिकारियों पर पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा में धोखाधड़ी का आरोप लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में जांच शुरू की थी. आरोप है कि चोकसी और नीरव मोदी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से भारी रकम हासिल की, जिससे पीएनबी को अरबों रुपये का नुकसान हुआ.
चोकसी 2018 में भारत से फरार हो गया था और तब से वह एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा था. उसने वहां की नागरिकता ले ली थी, जिसके बाद भारत सरकार के लिए उसे वापस लाना मुश्किल हो गया था.
2021 में चोकसी एक बार फिर सुर्खियों में आया, जब वह एंटीगुआ से गायब हो गया और बाद में डोमिनिका में पकड़ा गया. उसने दावा किया था कि उसे भारतीय एजेंसियों ने अगवा किया, लेकिन जांच में यह बात गलत साबित हुई. इसके बाद उसे इलाज के लिए एंटीगुआ वापस भेज दिया गया था.
हाल ही में खबर आई थी कि चोकसी अपनी पत्नी प्रीति के साथ बेल्जियम के एंटवर्प शहर में रह रहा था. उसने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए वहां रेजिडेंसी कार्ड हासिल किया था. भारतीय एजेंसियां लंबे समय से उसका पीछा कर रही थीं और अब उसकी गिरफ्तारी से इस मामले में बड़ी कामयाबी मिली है.
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