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प्रस्तावित जमशेदपुर नगर निगम के विस्तारीकरण योजना का विरोध करने हेतु ज्ञापन

On: May 28, 2025 4:27 PM
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माझी परगना महाल,आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, जुगसलाई तोरोप, गांवों के माझी बाबा, पारानिक बाबा, गोडेत व समाजिक प्रतिनिधियों ने दुर्गा चरण मुर्मू, देश पारानिक बाबा धाड़ दिशोम के नेतृत्व में डीसी को ज्ञापन

जमशेदपुर:वर्तमान में चल रही जमशेदपुर नगर निगम के विस्तारीकरण योजना के तहत हमारे पारंपरिक ग्राम क्षेत्र को शहरी सीमा में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका हम जोरदार विरोध करते हैं।

हमारी आपत्तियाँ व सुझाव निम्नलिखित बिंदुओं में प्रस्तुत हैं:

1. संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन: पूर्वी सिंहभूम जिला पूर्णतः पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 ZC के अनुसार, अनुसूचित क्षेत्रों में नगर पंचायत, नगर पालिका व नगर निगम का गठन असंवैधानिक है। अतः जिले में पहले से बने सभी शहरी निकायों को रद्द किया जाए और प्रस्तावित नगर निगम विस्तार योजना को तुरंत निरस्त किया जाए।

2. पारंपरिक आदिवासी शासन प्रणाली पर खतरा: ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी समुदाय आदिकाल से निवास करते आ रहे हैं। इन क्षेत्रों में आदिवासियों की अपनी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, धार्मिक व सामाजिक रीति-रिवाज़, जल-जंगल-जमीन पर स्वामित्व, न्याय व्यवस्था आदि लागू है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13(3)(क) व पेसा कानून 1996 द्वारा संरक्षित है।

3. CNT एक्ट व पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन: नगर निगम विस्तार से CNT Act के प्रावधानों का उल्लंघन होगा, जिससे आदिवासियों की जमीन अधिग्रहण की आशंका है। इससे न केवल हमारे जीवन, संस्कृति और पहचान पर संकट उत्पन्न होगा बल्कि संविधान में प्रदत्त अधिकारों की अवहेलना होगी।

4. हमारे अस्तित्व पहचान समाप्त होने का खतरा:-

नगर निगम बनने से जमीन व मकान का लगान/ होल्डिंग टैक्स काफी ज्यादा हो जाएगा, जो गरिब गुरबा, आदिवासी/मूलवासी कार्ज तले दाब जाएंगे, घर बार, जमीन जायदाद बेचकर पलायन को मजबूर हो जाएंगे, हमारा अस्तित्व पहचान समाप्त हो जाएगा।

अतः, हम ग्राम सभा गिदिझोपड़ी की ओर से आग्रह करते हैं कि प्रस्तावित नगर निगम विस्तार योजना को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए, और भविष्य में किसी भी प्रकार की योजना बनाने से पूर्व ग्राम सभाओं से लिखित स्वीकृति प्राप्त की जाए।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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