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रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की सभी योजनाओं की निगरानी अब ग्राउंड लेवल तक की जाएगी। विभागीय अधिकारी समय-समय पर योजनाओं की समीक्षा करेंगे। आगामी दो माह में 600 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह निर्देश मंगलवार को हुई मासिक समीक्षा बैठक में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दिया।

बैठक में योजनाओं की प्रगति और अब तक हुए खर्च की समीक्षा की गई। मंत्री ने स्पष्ट किया कि विभागीय योजनाओं का बिल तभी भुगतान होता है, जब वह लाभुक तक पहुंच जाती हैं। इस समय राज्य में बीज वितरण, मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना और पंपसेट वितरण जैसी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उनका बिल भुगतान अभी लंबित है।

बीज वितरण और लंबित भुगतान पर खास फोकस

मंत्री ने कहा कि 50 प्रतिशत सब्सिडी पर बीज वितरण किया जा रहा है। कुछ स्थानों से बीज न मिलने की शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें लैंप-पैक्स की ओर से भुगतान न किए जाने की बात भी शामिल है। अधिक बारिश से किसानों को नुकसान हो रहा है और विभाग इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है। बैठक में किसान समृद्धि योजना, कृषक पाठशाला, निर्माणाधीन कोल्ड स्टोरेज, बेकन फैक्ट्री का जीर्णोद्धार, मिलेट कैफेटेरिया की स्थापना, दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि का 10 दिन में भुगतान, नए MPP/BMC/मिल्क बूथ की स्थापना और लंबित बिल भुगतान जैसे बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीकी, विशेष सचिव गोपाल जी तिवारी, प्रदीप हजारी और सभी निदेशक व अधिकारी मौजूद रहे।