BCCI New President: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की कमान अब पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास के हाथों में आ गई है। जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले मन्हास को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुना गया है। उन्होंने रोजर बिन्नी की जगह ली। इसके साथ ही वे जम्मू-कश्मीर से बीसीसीआई अध्यक्ष बनने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं।
अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति
वार्षिक आम बैठक (AGM) में अन्य प्रमुख पदों पर भी नए नामों पर मुहर लगी।
राजीव शुक्ला उपाध्यक्ष के पद पर अपने कार्यकाल को जारी रखेंगे।
कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के मौजूदा अध्यक्ष और भारत के पूर्व स्पिनर रघुराम भट्ट कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। उनका KSCA अध्यक्ष पद का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा हो रहा है।
देवजीत सैकिया सचिव पद पर बने रहेंगे।
प्रभतेज भाटिया को संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है।
मन्हास का क्रिकेट करियर
जम्मू में जन्मे और दिल्ली क्रिकेट से करियर को नई ऊंचाई देने वाले मिथुन मन्हास का घरेलू क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड रहा है।
उन्होंने 157 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें 9,714 रन बनाए।
उनके खाते में 27 शतक और 49 अर्धशतक दर्ज हैं।
मन्हास ने लिस्ट-ए के 130 और टी-20 के 91 मुकाबले खेले।
वे दाएं हाथ के भरोसेमंद मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज रहे और जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी से भी टीम की मदद की।
रणजी ट्रॉफी में सुनहरा दौर
2007-08 का रणजी सीजन मन्हास के करियर का यादगार पड़ाव रहा। उनकी कप्तानी में दिल्ली ने रणजी ट्रॉफी जीती। उस सीजन उन्होंने अकेले 921 रन बनाए थे।
आईपीएल करियर
मन्हास ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स), पुणे वॉरियर्स इंडिया और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए खेला।
भारतीय टीम में जगह क्यों नहीं मिली?
घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मन्हास को कभी भारतीय टीम में जगह नहीं मिल सकी। इसका कारण उस दौर में टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर में दिग्गज बल्लेबाजों की मौजूदगी रही। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे सितारे उस वक्त मिडिल ऑर्डर के स्तंभ थे, जिससे नए खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल पाता था।
नई जिम्मेदारी, नई उम्मीदें
बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के साथ ही मिथुन मन्हास से भारतीय क्रिकेट प्रशासन को नई दिशा और ऊर्जा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि एक अनुभवी घरेलू खिलाड़ी के तौर पर उनके अनुभव का फायदा भारतीय क्रिकेट ढांचे को मजबूती देने में मिलेगा।














