राजस्थान में रिश्वत लेते विधायक जयकृष्ण पटेल गिरफ्तार, ACB ने 20 लाख रुपये लेते रंगे हाथ दबोचा

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जयपुर: राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जयपुर में बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी ने बागीदौरा बीएपी विधायक जयकृष्ण पटेल को 20 लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि घूस के 20 लाख रुपए लेकर उनका आदमी फरार हो गया है। बताया जा रहा है कि विधायक ने ढ़ाई करोड़ की डिमांड की थी। गौरतलब है कि एसीबी ने पहली बार किसी विधायक को रिश्वत मामले में पकड़ा है। भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल के खिलाफ कार्रवाई डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा, एडीजी स्मिता श्रीवास्तव, डीआईजी राहुल कोटोकी के निर्देश में की गई।
विधानसभा में लगाए खनन विभाग से जुड़े सवालों को वापस लेने के लिए भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण ने 10 करोड़ की डिमांड की थी। बाद में 2.5 करोड़ रुपए में सौदा हुआ था। रविवार को 20 लाख रुपए लेते विधायक को गिरफ्तार किया गया है। जयकृष्ण पटेल के जयपुर में ज्योति नगर स्थित सरकारी क्वार्टर पर रिश्वत ली गई थी। एसीबी की टीम विधायक के आवास पर पहुंची उससे पहले विधायक का कोई व्यक्ति रिश्वत के 20 लाख रुपए लेकर फरार हो गया। जो व्यक्ति पैसे लेकर भागा है, उसको लेकर विधायक आवास परिसर में सर्च किया और सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
ACB के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि खनन व्यवसायी रविन्द्र सिंह ने 4 अप्रैल को शिकायत की थी कि विधायक ने खदान से जुड़े प्रश्न संख्या 958, 628 और 950 विधानसभा में लगवाए और बाद में उन्हें हटवाने के बदले 10 करोड़ रुपये मांगे। बातचीत के बाद सौदा 2.5 करोड़ रुपये में तय हुआ। व्यवसायी ने पहली किस्त के रूप में विधायक को 1 लाख रुपये नकद बांसवाड़ा में दिए। फिर ACB ने निगरानी शुरू की और साक्ष्य जुटाए। 20 लाख की अगली किस्त जयपुर स्थित विधायक आवास पर दी जानी थी। ट्रैप के दिन विधायक खुद जयपुर पहुंचे और रंग लगे नोटों से भरा बैग स्वीकार किया और बाद में यही रंग उनकी उंगलियों पर भी पाया गया। तकनीकी सबूतों के साथ ACB ने दावा किया नोटों पर विशेष स्याही लगाई गई थी। ऑडियो, वीडियो और फोटोग्राफ लिए गए। बैग उठाते समय विधायक की उंगलियों पर स्याही मिली। विधायक की ओर से रुपये लेने वाला व्यक्ति मौके से फरार है। ACB का दावा है कि उसके पास इस व्यक्ति की रिकॉर्डिंग है, जिसमें वह पैसे ले जाते हुआ देखा गया है। चूंकि मामला एक मौजूदा विधायक से जुड़ा था, इसलिए ACB ने इसके लिए पहले ही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से अनुमति ले ली थी। पूरे ट्रैप ऑपरेशन की सूचना उन्हें पहले ही दे दी गई थी।
मामले को लेकर विधायक से पूछताछ जारी है। ACB का कहना है कि इस मामले में और लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है। मामला अब सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग और संगठित अपराध की दिशा में बढ़ता नजर आ रहा है।