मझिआंव: सोनपुरवा पंचायत में मनरेगा योजना के तहत गंभीर अनियमितता के मामले में जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। जनसेवक श्रीकांत उपाध्याय को निलंबित कर रंका प्रखंड में पदस्थापित किया गया है, जबकि ग्राम रोजगार सेवक भिखारी राम को पूर्ण रूप से कार्यमुक्त कर दिया गया है। पंचायत के मुखिया अख्तर खान को चेतावनी देकर बरी कर दिया गया।
यह कार्रवाई उपायुक्त के निर्देश पर जिला स्तरीय टीम द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई। उपायुक्त कार्यालय के ज्ञापांक 627 (दिनांक 2/9/2025) के अनुसार, निलंबन अवधि के दौरान श्रीकांत उपाध्याय को सेवा नियम 96 के तहत मूल वेतन का आधा जीवनयापन भत्ता मिलेगा। ज्ञापांक 626 के तहत ग्राम रोजगार सेवक भिखारी राम की सेवा समाप्त कर दी गई है।
इस मामले की शिकायत सोनपुरवा निवासी आज़ाद अहमद सिद्दीकी ने की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी के नाम से फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा की राशि धोखाधड़ी से निकाली जा रही थी, जबकि उनकी पत्नी ने इस योजना के तहत कभी कोई कार्य नहीं किया। सिद्दीकी स्वयं एक ठेकेदार और आयकर दाता हैं।
सोनपुरवा पंचायत में मनरेगा घोटाला: जनसेवक निलंबित, ग्राम रोजगार सेवक कार्यमुक्त

