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बंदर ने कराई नोटों की बरसात, लूटने दौड़े लोग; देखें वीडियो

On: August 27, 2025 8:17 AM
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औरैया: उत्तरप्रदेश के औरैया जिले में मंगलवार को एक अजब-गजब नजारा देखने को मिला। बिधूना तहसील परिसर में अचानक नोटों की बारिश होने लगी। उड़ते हुए 500-500 रुपये के नोट देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए और रुपये लूटने के लिए दौड़ पड़े। इस अनोखी घटना का वीडियो अब इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

यहां देखें वीडियो

शिक्षक लाए थे 80 हजार रुपये


जानकारी के मुताबिक, डोंडापुर गांव निवासी एक निजी शिक्षक जमीन का बैनामा कराने के लिए मंगलवार को बिधूना तहसील पहुंचे थे। वे अपने साथ 80 हजार रुपये एक झोले में रखकर लाए थे और उसे बाइक की कपड़े वाली डिग्गी में रख दिया था। इस बीच वे अधिवक्ता रोहिताश चंद्र के बस्ते पर बैठकर कागजी कार्रवाई पूरी कर रहे थे।

बंदर ने डिग्गी से निकाले नोट

इसी दौरान एक शरारती बंदर उनकी बाइक के पास पहुंचा और डिग्गी खोलकर नोटों की गड्डी निकाल ली। जैसे ही लोगों ने बंदर को कुछ निकालते देखा तो उसे भगाने की कोशिश की, लेकिन बंदर गड्डी लेकर पास के पेड़ पर चढ़ गया। वहां पहुंचकर उसने एक-एक कर नोट नीचे फेंकना शुरू कर दिया।

टीन शेड और सड़क पर गिरे रुपये

बंदर द्वारा फेंके गए नोट टीन शेड और सड़क पर गिरने लगे। अचानक उड़ते नोटों को देखकर तहसील में मौजूद लोग रुपये बटोरने के लिए दौड़ पड़े। देखते ही देखते वहां भारी भीड़ जमा हो गई। एक व्यक्ति तो टीन शेड पर चढ़कर रुपये समेटने लगा।

52 हजार लौटाए, 28 हजार की तलाश

जब शिक्षक को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने लोगों से रुपये लौटाने की अपील की। मौके पर मौजूद लोगों ने मानवता का परिचय देते हुए रुपये इकट्ठा करके उन्हें वापस कर दिए। करीब 52 हजार रुपये शिक्षक को मिल गए हैं, लेकिन अब भी लगभग 28 हजार रुपये लापता हैं। उनकी खोजबीन जारी है और तहसील परिसर में मौजूद लोगों से रुपये लौटाने की अपील की जा रही है।

इंटरनेट पर वायरल हुआ वीडियो

पूरी घटना का वीडियो मौके पर मौजूद लोगों ने बना लिया। इसमें साफ दिख रहा है कि कैसे पेड़ से नोट बरस रहे हैं और लोग रुपये उठाने के लिए दौड़ पड़े हैं। इस वीडियो के वायरल होते ही इंटरनेट मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कई लोगों ने मजाक में लिखा – “आज तो सचमुच नोटों की बरसात हो गई।”

बंदरों का आतंक बना परेशानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में बंदरों का आतंक रहता है। अक्सर वे सामान और महत्वपूर्ण कागज उठा ले जाते हैं। मंगलवार को हुई इस घटना ने तहसील परिसर में सनसनी मचा दी और अब यह चर्चा का विषय बन गई है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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कानपुर का “I Love Mohammad” विवाद : पोस्टर से भड़की बड़ी बहस
कानपुर शहर हाल ही में एक पोस्टर विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया। मामला तब शुरू हुआ जब शहर के एक इलाके में बिना अनुमति “I Love Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। यह पोस्टर कुछ ही समय में चर्चा का विषय बन गए और कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने बैनर हटवाया और मामले की जांच शुरू की।
प्रशासन का कहना है कि यह विवाद असल में “बिना अनुमति बैनर लगाने” का है, लेकिन इसे धर्म से जोड़कर फैलाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाने वाले काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
यह विवाद कानपुर तक सीमित नहीं रहा। धीरे-धीरे इसकी आंच उन्नाव, बरेली और यहां तक कि उत्तराखंड तक पहुंच गई। वाराणसी में साधु-संतों ने इसका जवाब “I Love Mahadev” पोस्टर लगाकर दिया। इस तरह मामला एक “पोस्टर वार” में बदल गया, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा होने लगी।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को रोकने की अपील की। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए और ऐसे विवादों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि छोटे-छोटे मुद्दे भी अगर सही समय पर नियंत्रित न किए जाएं तो वे बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं। समाज को चाहिए कि आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखते हुए ऐसे मामलों से दूरी बनाए।

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