अभय मांझी
मनिका (लातेहार): मोंथा चक्रवाती तूफान के प्रभाव से हो रही लगातार बारिश ने मनिका प्रखंड के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों में लहलहाती फसलें अब पानी में डूबी पड़ी हैं। किसान अपनी फसलों की हालत देखकर मायूस हैं, कई की आंखों से आंसू भी नहीं रुक रहे।

तीन महीने की कड़ी मेहनत से तैयार हुई धान की फसल बर्बादी के कगार पर है। कई किसानों ने कटाई शुरू ही की थी कि तेज बारिश और आंधी ने सब कुछ चौपट कर दिया। खेतों और खलिहानों में सुखाने के लिए रखे अनाज में भी पानी घुस गया, जिससे धान और अन्य अनाज सड़ने लगे हैं।

लगातार बारिश से खेतों में पानी भर गया है और चारों ओर दलदल जैसा माहौल है। धान की बाली जो कुछ दिन पहले हवा में लहरा रही थी, अब मिट्टी में दबकर गल रही है। वहीं, आलू की खेती वाले खेतों में पानी जमने से आलू सड़ने लगे हैं। साग-सब्ज़ियों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं।

किसान अब रबी फसल की तैयारी को लेकर भी असमंजस में हैं, क्योंकि जमीन में अधिक नमी और जलभराव के कारण बुवाई संभव नहीं दिख रही।
स्थानीय किसान जितनी देवी, राजमनी यादव, सविता देवी, जयराम उराँव, अजय उराँव, रमेश उराँव, परमल उराँव और बैजंती देवी ने बताया, “हमने बड़ी उम्मीद से फसल तैयार की थी, लेकिन मोंथा तूफान ने सब कुछ तबाह कर दिया। अब आगे क्या करेंगे, यही सोचकर नींद नहीं आ रही।”
अधिकांश किसान बताते हैं कि उन्होंने धान की खेती कर्ज लेकर की थी, और इस नुकसान से उबरने में लंबा समय लगेगा।
कृषि विभाग के अनुसार, तेज बारिश और हवा से क्षेत्र में धान, आलू और सब्ज़ियों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवज़े की मांग की है, ताकि वे दोबारा खेती कर सकें और अपने परिवार का जीवनयापन जारी रख सकें।













