अधिकांश माझी और परगना अनपढ़ और पियक्कड़,आदिवासी गांव समाज पिछड़ने को मजबूर:सालखन मुर्मू
माझी बदलो,गांव बचाओ: सेंगेल।
क्यों ???
क्योंकि अधिकांश माझी (ग्राम प्रधान) गांव- समाज बचाने में सहयोग नहीं करते हैं।
आदिवासी एजेंडा अर्थात हासा (भूमि), भाषा (संताली राजभाषा), जाति (ST), धर्म (सरना- मरांग बुरू), रोजगार (डोमिसाइल,आरक्षण) आदि बचाने में सहयोग नहीं करते हैं।
आदिवासी एजेंडा के लिए गांव में बैठक नहीं करते हैं।
वंशानुगत माझी- परगना व्यवस्था के कारण निर्दोष गांव- समाज मर रहा है। चूँकि अधिकांश माझी-परगना अनपढ़, पियक्कड़ हैं।
आदिवासी एजेंडा पर चुप रहने वाले सामाजिक- राजनीतिक नेता और संगठन आदिवासी गांव- समाज के शत्रु हैं।.. सावधान।
- Advertisement -