रांची: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, धुर्वा रांची में आज मातृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान समय में भौतिकवादी शिक्षा के प्रभाव और मूल्यपरक शिक्षा के अभाव में बच्चों के भीतर अपनी जन्मदात्री मां के प्रति घटते सम्मान को पुनर्जीवित करना था।

कार्यक्रम का उद्घाटन रिम्स, रांची की प्रभारी डॉ. सुषमा कुमारी एवं अन्य माननीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ किया गया।
विद्यालय की उप-प्राचार्या मीना कुमारी ने मंचासीन अतिथियों का परिचय एवं स्वागत किया तथा मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि डॉ. सुषमा कुमारी ने अपने संबोधन में कहा कि “मां की ममता को परिभाषित करने के लिए संसार में शब्दों की कमी है। उनके डांट में भी स्नेह और चिंता छिपी रहती है।” उन्होंने विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर न केवल शिक्षा प्रदान कर रहा है बल्कि बच्चों में संस्कार जागृत करने का भी कार्य कर रहा है। समाज में परिवर्तन तभी संभव है जब बच्चों के संस्कार बदलें, और इसके लिए माता-पुत्र के मधुर संबंध की महती भूमिका है।

इस अवसर पर बच्चों ने अपनी माताओं का पारंपरिक विधि से मंत्रोच्चार सहित पूजन किया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ किया गया।

कार्यक्रम का संचालन कक्षा पंचम की छात्राएँ बहन शगुन एवं बहन सुरभि ने किया।
इस अवसर पर शिशु विकास मंदिर समिति के माननीय अध्यक्ष श्री शक्ति नाथ लाल दास, सह मंत्री डॉ. धनेश्वर महतो, कोषाध्यक्ष श्री एस. वेंकट रमन, श्री आशीष नाथ शाहदेव, श्री लाल अशोक नाथ शाहदेव, श्री नर्मदेश्वर मिश्र, श्री बलराम उपाध्याय, श्री विनोद कुमार सिंह, विद्यालय के प्राचार्य श्री ललन कुमार एवं विद्यालय के सभी आचार्यगण उपस्थित रहे।













