मदन साहु
सिसई (गुमला): रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर, सिसई की शिशु वाटिका में मातृ गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रधानाचार्य देवेंद्र वर्मा ,मुख्य अतिथि पूनम सारंगी (गुमला विभाग वाटिका प्रमुख) सेवानिवृत शिक्षक रजनीकांत सारंगी एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव रवींद्रनाथ अधिकारी के द्वारा दीप प्रज्वलित, पुष्पांजलि अर्पित कर एवं सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

अतिथियों का परिचय विद्यालय की आचार्य गुड्डी देवी द्वारा कराया गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रधानाचार्य देवेंद्र वर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा अरुण यानी नर्सरी से द्वितीय तक बच्चों की शिक्षा के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता को देखते हुए आज का यह कार्यक्रम आयोजन किया गया है, क्योंकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन की बात कही गई है। इसमें पहले केयर यानी बच्चों की देखभाल कैसे हो इस पर चिंतन मंथन करना आवश्यक है, उनकी देखभाल के साथ ही हम उनको शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। मुख्य अतिथि पूनम जी ने माताओं को बताया कि हमारे नन्हे – मुन्ने बच्चे पहले सुनते हैं तब उसके बाद कुछ बोलने का प्रयास करते हैं। यानी प्रारंभिक शिक्षा में सुनना और सुनाना तथा बोलना और बुलवाना इस पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उसके बाद आता है लिखने की बारी। जब हमारे बच्चे सुनते हैं फिर सुनाते हैं। और जब बोलते हैं तब हम उसे लिखने के लिए सिखाना आरंभ करते हैं। लेकिन अक्सर लोग क्या समझते हैं कि विद्यालय में नामांकन हुआ है तो हमारे बच्चे क्यों नहीं लिख पा रहे हैं। यह सोच गलत है। लोगों की ऐसी सोच व धारणा को बदलने की जरूरत है। आज इन बच्चों को खेल-खेल में सीखने पर जोर दिया गया है।
