भास्कर उपाध्याय
हजारीबाग:- लोकसभा सांसद सह अध्यक्ष, वित्त संबंधी संसदीय स्थाई समिति जयंत सिन्हा ने हजारीबाग जिले में चल रही माफियागिरी एवं भ्रष्ट पदाधिकारियों की मिलीभगत से मंदिर, मठ और गरीबों की जमीन की लूट का मामला संज्ञान में आया तब इन्होंने भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के लिए उनके खिलाफ आवाज बुलंद कर इनकी कारगुज़ारियों को जनता के सामने लाने के लिए सांसद प्रतिनिधि मंडल का गठन कर मामले की सच्चाई का पता लगाने का निर्देश दिया। प्रतिनिधि मंडल में सांसद प्रतिनिधि प्रफुल्ल कुमार, सांसद के निजी सचिव हिमांशु कुमार एवं सांसद के मीडिया प्रभारी अनिल सिन्हा ने जांच के क्रम में पाया की इन भ्रष्ट पदाधिकारियों एवं भू-माफियाओं के द्वारा मठ, मंदिर एवं गरीबों को भी नहीं बक्शा है। इन्होंने खुले आम भ्रष्टाचार का नंगा नाच किया है जिसमें सिरसी स्थित मंदिर मठ की जांच के क्रम में अनेकों मामले सामने आए। मंदिर मठ के केयरटेकर रामलोचन गोप ने बताया कि इस मंदिर मठ की स्थापना 16 अप्रैल 1929 को गुरु बाबा के कर कमरों के द्वारा किया गया था। गुरु बाबा ने इस तरह के मठ की स्थापना भारत के अन्य शहरों में भी किया था। मगर जिस तरह हजारीबाग जिले में जमीन माफिया और भ्रष्ट पदाधिकारियों ने कोहराम मचाया और जमीन की लूटपाट की वैसा किसी अन्य शहर में नहीं हुआ तथा अन्य शहरों के मठ और मंदिर आज भी सुरक्षित हैं। मठ के अंदर आज भी पूज्य बाबा जी की समाधि स्थित है तथा उन्होंने अपने शरीर का त्याग इसी मठ के प्रांगण में किया था। उनकी उनकी इच्छा थी कि यही उनकी समाधि बनाई जाए। उनके समाधि के साथ उनकी धर्मपत्नी पूजनीय माता जी की भी समाधि इसी स्थान पर स्थापित है। हम लोग आज भी श्रद्धापूर्वक उनके बिस्तर को लगाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। केयर टेकर श्री गोप ने बताया कि मैं लगभग 40 वर्षों से इस मठ की सेवा करता आ रहा हूं। इस जमीन लूट की घटना के पूर्व भी भू-माफियाओं के द्वारा अनैतिक रूप से मठ के जमीन को बेचने का प्रयास किया गया था, जिसमें वह सफल नहीं हो पाए। अभी भी इस जमीन के मालिक के रूप में क्रमशः रूबी मुखर्जी, कन्हैयालाल बसु, नारायण बसु, जग्गू मुखर्जी एवं राजा दा सहित अन्य लोग कोलकाता में रहते हैं। जब उन सब को इस घटना के बारे में पता चला तो वह जल्द ही हजारीबाग आकर घटना की विस्तृत जानकारी लेंगे और आगे की कार्रवाई करेंगे।
