नेशनल हेराल्ड केस:सोनिया और राहुल को बड़ा झटका!राउज एवेन्यू कोर्ट ने..!

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नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका दिया है। नोटिस जारी करते हुए कोर्ट के अगली सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने को कहा है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के समय सोनिया व राहुल को पक्ष रखने का अधिकार है। मामले की अगली सुनवाई 8 मई तय करते हुए जज गोगने ने कहा कि किसी भी स्तर पर सुनवाई का अधिकार निष्पक्ष सुनवाई में जान डालता है। यह सभी को मिलना चाहिए। निष्पक्ष सुनवाई के लिए जरूरी है कि हर आरोपी को सुना जाए। इसलिए नोटिस जारी करना जरूरी है। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि नए नियमों के अनुसार, आरोपी को सुने बिना शिकायत पर ध्यान नहीं दिया जा सकता है। हम नहीं चाहते हैं कि यह आदेश लंबा चले, नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि नोटिस जारी नहीं करने पर ऐसे ही एक मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया व विवाद उठाए गए कि धारा 223 का पालन नहीं हुआ। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी। राजू ने कहा कि नोटिस देने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
सुनवाई का हक पीएमएलए के प्रावधानों के खिलाफ नहीं
कोर्ट ने पाया कि निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सुनवाई का अधिकार पीएमएलए के प्रावधानों के खिलाफ नहीं है। कोर्ट ने कहा, धारा 223 का प्रावधान पीएमएलए के प्रावधानों के साथ असंगत नहीं है। पीएमएलए के किसी प्रावधान को बीएनएस के प्रावधानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने वाला नहीं कहा जा सकता। प्रावधान अभियुक्त को संज्ञान से पहले सुनवाई के लिए स्व-सामान्य अधिकार देता है। मुकदमे के किसी भी चरण में सुनवाई का अधिकार निष्पक्ष सुने जाने के अधिकार को जीवन देता है।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना 1938 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक था, इसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी एजेएल की तरफ से प्रकाशित किया जाता था। साल 2008 में वित्तीय संकट के बाद समाचार पत्र बंद हो गया और यहीं से इस विवाद की शुरुआत हुई। इसके बाद 2010 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) नाम की कंपनी बनीं, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है। इस मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में आरोप लगाया कि वाईआईएल ने एजेएल की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया और यह धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है।