रांची :- विश्व हिंदू परिषद के युवा शाखा बजरंग दल का राष्ट्रीय बैठक रांची के हरमू रोड, गौशाला के सम्मुख स्थित दिगंबर जैन भवन में आज संपन्न हुई। समापन सत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा विश्व हिंदू परिषद के शष्ठीपूर्ति वर्ष (60 वर्ष पूर्ण होने) का प्रारंभ आगामी 7 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी के पावन दिवस पर होने वाला है। आगामी 1 वर्ष में विश्व हिंदू परिषद 1 लाख गांव तक संगठन विस्तार करने का लक्ष्य है। बजरंग दल का सेवा, सुरक्षा एवं संस्कार को ध्येय वाक्य मानकर हिंदू युवकों में समाज सेवक, देशभक्त, स्वावलंबी, कर्तव्यनिष्ठ बनाकर देश सेवा करने की भाव जगाता है। समाज में बढ़ रही चुनौतियों के प्रति जागरण कर समस्या का निदान के लिए संघर्ष करता है। धर्म संस्कृति रक्षा, गोरक्षा, हिंदू कन्या रक्षा, मठ मंदिर सुरक्षा सहित अनेकानेक सेवा के कार्य कर समाज के लिए अग्रणी रक्षक के रूप में खड़ा रहता है।
उन्होंने कहा 9 जून को घोषित मूलनिवासी / आदिवासी दिवस यूरोप-अफ्रीका में ईसाइयों के द्वारा वहां के स्थानीय जनजातियों को प्रताड़ना कर लाखों की संख्या में हत्या की स्वीकृति देकर उन्हें याद करने के उद्देश्य से घोषणा किया गया था। भारत में रामायण, महाभारत काल में भी जनजाति, गिरीवासी, बनवासी, नगरवासी साथ- साथ जीने व रहने की परंपरा अपने शास्त्रों में बताई गई है। भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम एवं माता शबरी, केवट आदि उस काल में एक साथ रहते थे जो आज भी सभी हिंदू समाज एक साथ रहते आ रहे हैं। भारत में जनजातीय समाज के भगवान बिरसा मुंडा सहित अनेकों क्रांतिकारी वीरों ने अपने धर्म संस्कृति के रक्षार्थ अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष में अपने को बलिदान दिये, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस को ही मनाया जाना उचित है। 9 जून विदेशी संकल्पना है जो हमें थोपी जा रही है, उससे बचना चाहिए।
मणिपुर हिंसा के संदर्भ में उन्होंने कहा मणिपुर का संघर्ष हिंदू- ईसाई के बीच नहीं है बल्कि मइती एवं कुकी जनजाति के बीच का संघर्ष है। ईसाइयों एवं वामपंथियों ने इस पर नकारात्मक विमर्श खड़ा कर हिंदू समाज को बदनाम करने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा आपसी मतभेद को भूलकर वहां शांति व्यवस्था अपनाना चाहिए।