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जमशेदपुर:’इप्टा’ का रेखा जैन जन्मशती समारोह पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

On: June 9, 2025 4:20 AM
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बच्चों का बचपन बचाने के लिए बाल नाटक हो सकता है काफी प्रभावशाली; कीर्ति जैन

जमशेदपुर:”समाज बच्चों के ऊपर जिस तरह का दबाव डाल रहा है, उनका बचपन अब पहले जैसा नहीं रहा, बच्चों के बचपन को बचाए रखने के लिए बाल नाटक काफी प्रभावशाली हो सकती है।” उपरोक्त बातें दिल्ली से आई रेखा जैन की छोटी पुत्री व नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की भूतपूर्व निदेशक कीर्ति जैन ने भारतीय जननाट्य संघ ( इप्टा ) के द्वारा रेखा जैन जन्मशती समारोह पर सेंटर फॉर एक्सीलेंस सभागार में आयोजित “रेखा जैन का नियमित रंगकर्म और आज का बाल रंग कर्म” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान कही।


अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि रेखा जैन की जीवन की यात्रा काफी रोमांचक थी, वह काफी रूढ़िवादी परिवार से थी, आजादी के संघर्ष के दिनों में किसी भी महिला का सांस्कृतिक दल में शामिल होना बड़ी बात थी। उनका पहला हिंदी नाटक बंगाल के अकाल पर आधारित था, हिंदी रंगमंच में रेखा जैन जी का भी अहम योगदान है।

हिंदी बोले जाने वाले राज्यों में से एक झारखंड के जमशेदपुर में रेखा जैन के योगदान को याद किया जाना हमारे परिवार के लिए काफी भावनात्मक है। मुंबई से जमशेदपुर पहुंची इप्टा की राष्ट्रीय सचिव उषा आर्टले ने रेखा जैन की आत्मकथा “याद घर” के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि रेखा की के सम्पूर्ण जीवन से काफी कुछ सीखा जा सकता है। जीवनी को पढ़कर भारत में और विदेशों के बाल रंगमंच को जानना भी रोचक होगा। बच्चों के साथ काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को जीवनी जरूर पढ़नी चाहिए, यह व्यक्तित्व को बदल देने वाला होगा।

लखनऊ से आई सुमन श्रीवास्तव और पटना से आए तनवीर जी व अन्य ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान सात दिवसीय बाल रंग कार्यशाला में तैयार की गई रेखा जैन की नाटक “पुस्तक घर” और सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की नाटक “लाख की नाक” का मंचन भी कार्यक्रम का महत्वपूर्ण आकर्षण रहा। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रशिक्षक क्षितिज, संतोष, इप्टा की झारखंड महासचिव अर्पिता, गोमहेड के रामचंद्र मार्डी, उर्मिला, प्रदीप सोलोमन व जमशेदपुर इप्टा से जुड़े साथियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। वही मौके पर साहित्यिक व रंगकर्म के कई गणमान्य अतिथि प्रमुख रूप से मौजूद थे।

कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन अहमद बद्र जी ने किया, वही बाल कलाकार वर्षा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। बच्चों के बाल रंग कार्यशाला का समापन कल 9 जून की शाम 5 बजे ट्राइबल कल्चर सेंटर स्थित एम्फीथिएटर में नाट्य प्रस्तुति के साथ होगा। शहर के सभी रंग प्रेमी कार्यक्रम में आमंत्रित है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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