शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने ऐसी तबाही मचाई है कि लोगों की जिंदगी भर की कमाई, घर और अपने, सब कुछ खत्म हो गया। 20 जून से लगातार खराब मौसम ने अब तक 69 लोगों की जान ले ली है, जबकि 37 लोग अब भी लापता हैं। इस दौरान 110 लोग घायल हुए हैं और कुल नुकसान का आंकलन 500 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है। बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन ने राज्य के कई इलाकों में भारी तबाही मचाई है। बीते 72 घंटों के भीतर राज्य में बादल फटने की 14 और फ्लैश फ्लड की 3 घटनाएं दर्ज की गई हैं। अकेले मंडी जिले में बीते सोमवार की रात 13 स्थानों पर बादल फटे हैं, जिससे सबसे अधिक जानमाल का नुकसान हुआ है।
मंडी जिला इस बार आपदा का केंद्र बन गया है। 30 जून की रात बादल फटने के बाद शुरू हुई तबाही थमने का नाम नहीं ले रही। अब तक मंडी में 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लोग लापता हैं। अब तक मंडी जिले से 348 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। यहां 154 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं, 31 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, 106 पशुशालाएं और दो दुकानें ढह गई हैं, जबकि 14 पुल बह गए हैं। इस तबाही में 165 मवेशियों की मौत भी दर्ज की गई है। जिले में गोहर, थुनाग, करसोग और जंजैहली क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।
प्रदेशभर में 246 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जिनमें अकेले मंडी में 145 सड़कें शामिल हैं। कुल्लू में 36, सिरमौर में 25 और शिमला में 22 सड़कें बंद हैं। इसी तरह राज्य में 404 ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं, जिनमें मंडी में सर्वाधिक 353 ट्रांसफार्मर बंद हैं। बिजली की आपूर्ति बुरी तरह बाधित है। पेयजल आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। मंडी में 605, हमीरपुर में 104 और सिरमौर में 21 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं। पूरे प्रदेश में 784 पेयजल योजनाएं ठप हैं, जिससे लोगों को पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और भी अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है। 5 जुलाई से 9 जुलाई तक राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान फ्लैश फ्लड का खतरा बताया गया है।