जम्मू: जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में शनिवार तड़के बादल फटने और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।
रामबन जिले में बादल फटा, तीन की मौत, दो लापता
जम्मू संभाग के रामबन जिले के राजगढ़ इलाके में शनिवार सुबह बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। इस हादसे में दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि कम से कम दो लोग लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण कई घर और खेत क्षतिग्रस्त हुए हैं। राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचकर लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की जा रही है।
रियासी जिले में भूस्खलन, सात की मौत की आशंका
रामबन हादसे के तुरंत बाद पास के रियासी जिले के माहौर इलाके में भीषण भूस्खलन हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, बदर गाँव में भारी बारिश के कारण एक रिहायशी मकान पूरी तरह ढह गया।
इस घर में रहने वाले मालिक नजीर अहमद, उनकी पत्नी और पाँच नाबालिग बेटे मलबे में दब गए। सभी के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। बचाव दल मलबा हटाकर लापता परिवार को तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
लगातार आपदाओं से दहशत
जम्मू-कश्मीर का यह पहाड़ी इलाका पिछले कुछ दिनों से लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश ने कई जगह भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बादल फटना स्थानीय मौसम की एक चरम घटना है, जिसमें कम समय में अत्यधिक बारिश (एक घंटे में 100 मिमी से ज्यादा) हो जाती है। वहीं भूस्खलन तब होता है जब लगातार बारिश से मिट्टी ढलानों पर ढीली पड़ जाती है और जमीन का बड़ा हिस्सा चट्टानों व पेड़ों समेत नीचे खिसक जाता है, जिससे भारी तबाही होती है।
प्रशासन अलर्ट पर
जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावित इलाकों में राहत शिविर और सहायता केंद्र स्थापित किए हैं। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश के दौरान पहाड़ी ढलानों और नदी-नालों के पास न जाएं।
जम्मू-कश्मीर में प्रकृति का कहर: बादल फटने और भूस्खलन से 10 की मौत, कई लापता












