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सारंडा, कोल्हान व पोड़ाहाट वन प्रमंडल क्षेत्र के जंगलों में पोस्टर व बैनर लगाकर नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार का किया आह्वान

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चाईबासा: झारखंड में मतदान से पहले नक्सली संगठन एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने पोस्टर और बैनर लगाकर लोगों से वोटिंग से दूर रहने का आवाह्न किया है। भाकपा माओवादी की बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी ने सारंडा, कोल्हान व पोड़ाहाट वन प्रमंडल के जंगलों में पोस्टर चिपकाया है।

हालांकि नक्सलियों का इस बैनर-पोस्टर वार का थोडा़ भी असर राजनीतिक पार्टियों के चुनाव प्रचार व मतदाताओं, आम जनता पर उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में नहीं दिख रहा है। नक्सलियों द्वारा जो पत्र जारी किया गया है उसमें भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावे अंबानी-अडाणी, टाटा-बिड़ला, जिंदल-मित्तल आदि बडी़ कंपनियों व पूंजीपति घरानों के खिलाफ जमकर प्रहार किया गया है एवं झारखण्ड की हेमंत सोरेन की सरकार पर थोडा़ नरमी दिखाई गई है।

पोस्टर पर लिखे 6 मुख्य नारे

विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करें, गांव-गांव, इलाके-इलाके में क्रांतिकारी जन कमेटी व जनता की जन सरकार का निर्माण करने के लिए जन युद्ध व जन आंदोलन को तेज करें


जनता पर युद्ध अभियान ‘ऑपरेशन कगार’ को तत्काल बंद करो, गांव-गांव से पुलिस कैंप अविलंब वापस करो।


चुनाव के जरिए सरकार बदल कर जनता की एक भी बुनियादी समस्या का हल नहीं होता है, बुनियादी समस्या हल करना है तो व्यवस्था को बदलें।


पहले लुटेरे टाटा-बिरला-जिंदल-मित्तल-अंबानी-अडानी और उसके चमचे भाजपा नेताओं को मार भगाओ, उसके बाद बांग्लादेशी घुसपैठिए पर विचार करो।


बांग्लादेशी घुसपैठिए एनआरसी का मात्र बहाना है, आदिवासी-मूलवासी उसका असली निशाना है।

• कोल्हान, सारंडा सहित झारखंड के विभिन्न वन प्रक्षेत्रों के गांवों, स्कूलों में एफओबी कैंप क्यों? वोट बाज नेता पहले इसका जवाब दो, तब वोट मांगो।

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