नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने टिकट व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक अहम फैसला लिया है। रेलवे के नए नियम के तहत अब यूटीएस (UTS), एटीवीएम (ATVM) या काउंटर से खरीदे गए अनारक्षित टिकट को केवल मोबाइल स्क्रीन पर दिखाना मान्य नहीं होगा। ऐसे टिकटों की छपी हुई हार्ड कॉपी साथ रखना अब अनिवार्य कर दिया गया है।
हालांकि, रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि ई-टिकट और एम-टिकट इस नियम के दायरे से बाहर रहेंगे। यह फैसला यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए और डिजिटल टिकटिंग की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए लिया गया है।
AI से बने फर्जी टिकट बने चिंता की वजह
रेलवे के इस सख्त फैसले के पीछे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए की जा रही टिकट धोखाधड़ी की एक गंभीर घटना सामने आई है। हाल के दिनों में जयपुर रूट पर जांच के दौरान यह चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ, जिसने रेलवे अधिकारियों को सतर्क कर दिया।
जांच में पाया गया कि कुछ छात्र मोबाइल में दिखाए गए अनारक्षित टिकट के आधार पर यात्रा कर रहे थे। टिकट देखने में बिल्कुल असली लग रहा था, उसमें क्यूआर कोड, यात्रा विवरण और किराया जैसी सभी जानकारियां सही दिखाई दे रही थीं।
लेकिन जब टीसी ने गहराई से जांच की तो सच्चाई सामने आ गई। छात्रों ने AI टूल की मदद से एक ही अनारक्षित टिकट को एडिट कर उसमें 7 यात्रियों के नाम जोड़ दिए थे। यानी एक टिकट पर सात लोग सफर कर रहे थे।

रेलवे की सख्ती बढ़ी, सभी मंडलों को अलर्ट
इस घटना के बाद रेलवे ने सभी जोन और मंडलों को अलर्ट जारी कर दिया है। अब टिकट जांच प्रक्रिया को पहले से ज्यादा सख्त किया जा रहा है।
रेलवे द्वारा टीटीई और टीसी के मोबाइल व टैबलेट में विशेष टीटीई ऐप इंस्टॉल किया जा रहा है। किसी भी संदेह की स्थिति में अब क्यूआर कोड स्कैन कर यूटीएस नंबर और कलर कोड की जांच की जाएगी, जिससे तुरंत यह पता चल सकेगा कि टिकट असली है या फर्जी।
हार्ड कॉपी जरूरी, दलालों पर भी नजर
रेलवे अधिकारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि अनारक्षित टिकट की भौतिक (हार्ड) कॉपी साथ रखना अनिवार्य होगा। केवल मोबाइल स्क्रीन पर दिखाया गया टिकट मान्य नहीं माना जाएगा।
इसके साथ ही रेलवे ने टिकट दलालों और फर्जीवाड़ा करने वालों पर भी कड़ी निगरानी शुरू कर दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की डिजिटल धोखाधड़ी को पूरी तरह रोका जा सके।
यात्रियों से अपील
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपने टिकट की प्रिंटेड कॉपी जरूर रखें, नियमों का पालन करें और किसी भी तरह की अवैध गतिविधि से दूर रहें। रेलवे का कहना है कि यह कदम यात्रा को सुरक्षित, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए उठाया गया है।














