जामताड़ा: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी शनिवार को जामताड़ा दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने जामताड़ा मुख्यालय में ओवरब्रिज के नीचे प्रस्तावित सर्विस रोड निर्माण कार्य का विधिवत शिलान्यास किया। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बिहार में सामने आए हिजाब विवाद को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला।
डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि बिहार में जो घटना हुई है, वह बेहद शर्मनाक और मर्माहत करने वाली है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक गंभीर चूक हुई है, जिसके लिए उन्हें देश की जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
मंत्री ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘मैं बिहार जाना चाहता हूं ताकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जो मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, उसका इलाज कर सकूं, वह भी बिल्कुल मुफ्त। अगर यह सब जानबूझकर किया गया है, तो उन्हें माफी मांगनी ही पड़ेगी।’
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि झारखंड से सटे बिहार में घटित यह मामला केवल एक व्यक्ति से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह प्रतिभा और सम्मान पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने एक जघन्य और गंभीर अपराध किया है, जिसका जवाब उन्हें देना होगा। ऐसी घटनाएं किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हैं।
डॉ. अंसारी ने डॉ. नुसरत परवीण के समर्थन में खुलकर बात करते हुए कहा कि वह किसी के पास भीख मांगने नहीं गई थीं, बल्कि पूरी तरह मेरिट के आधार पर चयनित हुई थीं। वह एक काबिल, मेहनती और तेज-तर्रार बच्ची है। सरेआम उसका हिजाब खींचना कहां तक जायज है। यह हिम्मत किसने दी और किस अधिकार से ऐसा किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी घोषणा की कि झारखंड सरकार की ओर से डॉ. नुसरत परवीण को खुला ऑफर दिया गया है। उन्होंने कहा, उन्हें कहीं भटकने की जरूरत नहीं है। वह झारखंड आएं। हम उन्हें तीन लाख रुपये मासिक वेतन, रहने के लिए फ्लैट और उनकी पसंद की पोस्टिंग देंगे। झारखंड में उन्हें पूरा सम्मान और बेहतर सुशासन मिलेगा।
डॉ. इरफान अंसारी ने स्पष्ट किया कि झारखंड सरकार प्रतिभा की कद्र करती है और किसी भी तरह के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में योग्यता और सम्मान के आधार पर अवसर दिए जाते हैं, न कि किसी की पहचान के आधार पर।
स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। हिजाब विवाद को लेकर एक बार फिर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है और यह मामला राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनता जा रहा है।














