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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में हिस्सा लिया। एक घंटा 40 मिनट की स्पीच में डोनाल्ड ट्रम्प का नाम लिए बिना कहा, “दुनिया के किसी भी नेता ने ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा।” अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने मुझे फोन पर बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है और मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का ये इरादा है, तो उनको बहुत महंगा पड़ेगा।” पीएम मोदी ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि “इस अभियान के दौरान पूरी दुनिया का समर्थन मिला, लेकिन जवानों के पराक्रम को मुख्य विपक्षी दल का समर्थन नहीं मिला।”

पीएम मोदी ने कहा कि “पहलगाम हमला भारत को हिंसा की आग में झोंकने की साजिश थी। देश ने एकता के साथ उस साजिश को नाकाम कर दिया। 22 अप्रैल के बाद मैंने सार्वजनिक रूप से और विश्व को समझाने के लिए अंग्रेजी में कहा था कि हम आतंक को मिट्टी में मिला देंगे। सजा उनके आकाओं को भी होगी। कल्पाना से भी बड़ी सजा मिलेगी। 22 अप्रैल को मैं विदेश से लौटा और आने के बाद मैंने बैठक बुलाई। हमने साफ निर्देश दिए कि आतंकवाद को करारा जवाब देना होगा। ये हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। हमें हमारे सैन्य बलों की क्षमता पर विश्वास है। सेना को खुली छूट दे दी गई। कहा गया कि सेना तय करे कि कब, कहां, कैसे, किस प्रकार से हमला करना है। हमें गर्व है कि आतंकियों को ऐसी सजा दी कि आज भी आतंक के आकाओं की नींद उड़ी हुई है। हमारी सेना की सफलता का पहला पक्ष है कि पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तानी सेना को अंदाजा लग चुका था कि भारत बड़ी कार्रवाई करेगा। उनकी तरफ से परमाणु बम की धमकी के बयान आने लगे थे। भारत ने छह मई की रात और सात मई की सुबह बड़ी कार्रवाई की। पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया। 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला ले लिया। दूसरा पक्ष पाकिस्तान के साथ हमारी लड़ाई कई बार हुई है। लेकिन पहली बार भारत की रणनीति बनी कि जिसमें पहले जहां कभी नहीं गए, वहां हम पहुंचे। पाकिस्तान के कोने-कोने में आतंकी अड्डों को धुआं-धुआं कर दिया। नेवी, आर्मी, वायु सेना तीनों के संयुक्त प्रयास ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए। पहले आतंकियों के मास्टरमाइंड निश्चिंत रहते थे। अब स्थिति बदल गई है। अब हमले के बाद उनको नींद नहीं आती। उनको पता है कि भारत आएगा और मारकर जाएगा। ये न्यू नॉर्मल भारत ने सेट कर दिया है। दुनिया ने देख लिया कि हमारी कार्रवाई का दायरा कितना बड़ा है। सिंदूर से लेकर सिंधु तक पाकिस्तान पर कार्रवाई की है। ऑपरेशन सिंदूर ने तय कर दिया कि भारत में आतंकी हमले की उसके आका और पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ऑपरेशन सिंदूर से स्पष्ट है कि अब भारत पर हमला हुआ तो हम अपनी शर्ताें पर अपने तरीके से जवाब  देकर रहेंगे। कोई भी परमाणु हमले की धमकी नहीं चलेगा। हम आतंकी सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे।”

पीएम ने आगे कहा कि “संयुक्त राष्ट्र के 193 देश में से सिर्फ तीन देश ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में थे। क्वाड, ब्रिक्स, फ्रांस, रूस, जर्मनी समेत तमाम देश दुनियाभर से भारत को समर्थन मिला। लेकिन देश के वीरों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला। 22 अप्रैल के बाद तीन-चार दिन में ही ये उछल रहे थे। कहने लगे कि कहां गया मोदी? मोदी फेल हो गया। बड़ा मजा ले रहे थे। उनके पहलगाम के निर्दोष लोगों की हत्या में राजनीति दिख रही थी। अपनी स्वार्थी राजनीति के लिए मुझ पर निशाना साधा रहे थे। उनकी बयानबाजी और छिछोरापन देश के सुरक्षा बलों का मनोबल गिरा रही थी। कांग्रेस के नेताओं को न भारत के सामर्थ्य पर भरोसा है और न सेना पर। इसलिए वे ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसा करके वे देशवासियों के दिल में जगह नहीं बना सकते।”

पीएम मोदी ने कहा कि “करो चर्चा इतनी करो कि दुश्मन दहशत से दहल उठे। रहे ध्यान बस इतना ही मान सिंदूर और सेना का प्रश्नों में भी अटल रहे। हमला मां भारती पर हुआ तो प्रचंड प्रहार करना होगा। हमें भारत के लिए ही जीना होगा। कांग्रेस एक परिवार के दबाव में पाकिस्तान को क्लीन चिट देना बंद करे। कांग्रेस अपनी गलती सुधारे। गर्व के क्षण का उपहास न उड़ाए। भारत आतंक की नर्सरी में ही आतंक को मिट्टी मिलाएगा।”

पीएम मोदी ने कहा कि “2014 से पहले देश में असुरक्षा का जो माहौल था, वो आज भी याद करें तो लोग सिहर उठते हैं। हम सबको पता है हर जगह पर घोषणा होती थी, कोई भी लावारिस चीज दिखे तो छूना मत बम हो सकता है। हम 2014 तक यही सुनते आए थे। देश के कोने-कोने में यही हाल था। माहौल ये था कि जैसे कदम-कदम पर बम बिछे हैं और खुद को ही नागरिकों को बचाना है। कांग्रेस की कमजोर सरकारों के कारण देश को कितनी जानें गंवानी पड़ी, हमें अपनों को खोना पड़ा। आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सकती थी। हमारी सरकार ने 11 साल में ये करके दिखाया है। ये बड़ा सबूत है। 2004 से 2014 के बीच आतंक की घटनाएं हुईं, अब उनमें कमी आई है। अगर हमारी सरकार आतंकवाद पर नकेल कस सकती है तो कांग्रेस की कौन सी मजबूरी थी, कि वो नहीं कर पाई। कांग्रेस के राज में आतंकवाद फला-फूला है, इसका कारण इनकी तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति है।”

पीएम मोदी ने कहा कि “2001 में देश की संसद पर हमला हुआ तो एक कांग्रेस नेता ने अफजल गुरु को सम्मान देने की बात कही। मुंबई हमले के बाद एक पाकिस्तानी आतंकी पकड़ा गया। लेकिन कांग्रेस पाकिस्तानी आतंकी को लेकर खेल खेलती रही। कांग्रेस उस आतंकी को भगवा आतंकी सिद्ध करने में जुटी थी। कांग्रेस दुनिया को हिंदू आतंकवाद की थ्योरी बेच रही थी। कांग्रेस ने संविधान को जम्मू-कश्मीर से बाहर रखा। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस ने आतंकवाद से जुड़े कानून को कंट्रोल किया। मैं कहता हूं कि पहलगाम ने हमको झकझोर दिया है। हमने ऑपरेशन सिंदूर किया तो देश में सिंदूर स्प्रिरिट पैदा हुई। यह हमने तब भी देखी जब हमारे प्रतिनिधिमंडल विदेश गए। प्रतिनिधिमंडल ने भारत की बात दुनिया के सामने रखी। मुझे दुख है कि कांग्रेस के बडे़ नेता के पेट में दर्द  है कि भारत का पक्ष दुनिया को क्यों बताया गया? कुछ नेताओं के सदन में बोलने पर पाबंदी लगा दी गई। इस मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है।”

पीएम मोदी ने कहा कि “जो देश के लिए गौरव का क्षण है, कांग्रेस उसे उपहास न बनाए। भारत आतंक की नस्लों को मिट्टी में मिलाएगा। हम पाकिस्तान को भारत के भविष्य से खेलने नहीं देंगे। इसलिए ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, यह जारी है और यह पाकिस्तान के लिए भी नोटिस है कि जब तक वो भारत के खिलाफ आतंक का रास्ता नहीं रोकेगा। तब तक भारत ऐक्शन लेता रहेगा। भारत का भविष्य सुरक्षित और समृद्ध होगा यही मेरा संकल्प है।”

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