ओस्लो (नॉर्वे): नोबेल शांति पुरस्कार 2025 का ऐलान नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में कर दिया गया है। इस साल यह प्रतिष्ठित सम्मान वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो को दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार अपने देश में लोकतांत्रिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है।
नोबेल समिति ने घोषणा करते हुए कहा, “हम हमेशा उन लोगों का सम्मान करते आए हैं जिन्होंने अत्याचार और दमन के खिलाफ खड़े होकर उम्मीद और आज़ादी की लौ जलाए रखी।” समिति ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष मचाडो को अपनी जान बचाने के लिए कुछ समय तक छिपकर रहना पड़ा था, बावजूद इसके उन्होंने देश छोड़ने के बजाय वहीं रहकर संघर्ष जारी रखा।
ट्रंप की दावेदारी रही चर्चा में
इस बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 338 उम्मीदवारों के नाम सामने आए थे, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर रही। ट्रंप खुद कई बार सार्वजनिक रूप से यह दावा कर चुके हैं कि उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। उनका कहना था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत कुल 7 युद्धों को रोकने में अहम भूमिका निभाई है।
हालांकि ट्रंप की ये उम्मीदें इस बार टूट गई हैं। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 8 देशों द्वारा नामित किया गया था, जिनमें पाकिस्तान, इजराइल, अमेरिका, आर्मेनिया, अजरबैजान, माल्टा, कंबोडिया जैसे देश शामिल हैं।
नामांकन प्रक्रिया
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन प्रक्रिया हर साल 1 फरवरी से शुरू होती है और 31 जनवरी तक प्राप्त नामांकन ही मान्य माने जाते हैं। इस साल भी 31 जनवरी 2025 तक प्राप्त नामों में से ही विजेता का चयन किया गया।
मारिया कोरीना मचाडो की यह जीत दुनियाभर के उन लोकतंत्र समर्थकों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है, जो दबाव और खतरों के बीच भी अपने मूल्यों के साथ खड़े रहते हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार 2025: मारिया कोरीना मचाडो को मिला सम्मान, डोनाल्ड ट्रंप का सपना टूटा












