एजेंसी: पिछले 58 वर्षों से सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस के कार्यक्रमों में जाने पर रोक लगाई गई थी। जिसे केंद्र सरकार ने हटा दिया है। इस महत्वपूर्ण फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों को अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति है। आरएसएस के शताब्दी वर्ष में केंद्र सरकार द्वारा यह तोहफा माना जा रहा है। केंद्र सरकार के अधिनिष्ठ कर्मचारी जो संघ के स्वयंसेवक के कार्यक्रमों में शामिल होना चाहते थे, पाबंदियों की वजह से उसमें शामिल नहीं हो सकते थे। यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की बात है, क्योंकि पहले उन्हें RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर पाबंदियां थीं।
यह आदेश केंद्र सरकार द्वारा लिया गया है, जिसमें सभी पूर्व निर्णयों को संशोधित किया गया है जो सरकारी कर्मचारियों को RSS की गतिविधियों से दूर रखते थे। इस आदेश में केंद्र सरकार द्वारा 1966, 1970 और 1980 के उन आदेशों में में संशोधन किया गया, जिनमें कुछ अन्य संस्थाओं के साथ-साथ आरएसएस की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों को कार्रवाई, दंडात्मक प्रावधान लागू किए गए थे। इस संशोधन के माध्यम से, सरकार ने वर्षों से चली आ रही रोकों को खत्म कर दिया है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को अब RSS के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिलेगा।
9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया। जिससे अब सरकारी कर्मचारियों को संघ की गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति है। इस आदेश के माध्यम से, सरकार ने साफ किया है कि वे सरकारी कर्मचारियों को विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्रदान करेगी, जो उनके व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस निर्णय के माध्यम से सरकार ने एक पॉलिसी का संशोधन किया है, जिससे देश के सरकारी कर्मचारियों को विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं में सक्रिय भागीदारी का मौका मिलेगा। यह निर्णय भारतीय समाज की विविधता और एकता को मजबूत करने का एक प्रमुख कदम है, जो सभी समुदायों के बीच समानता और समरसता को बढ़ाने में सहायक होगा।
वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया है।कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी इस फैसले की तीखी आलोचना की है, जिसमें आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर 6 दशक पुरानी पाबंदी को हटा दिया गया है.
जयराम रमेश ने X पर की पोस्ट कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट में लिखा कि, ‘फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन प्रतिबंध को हटाया गया. इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. 1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था. यह 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है. 4 जून 2024 के बाद, स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है. 9 जुलाई 2024 को, 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटलभी लागू था. मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है.