जमशेदपुर: भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं शहादत दिवस पर सिर्फ खानापूर्ति कर उलगुलान की प्रेरणा को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। इन्हें ,इनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी संभव है जब उनके मार्ग दर्शन पर चलते हुए उन्हें हर दिन याद कर नमन करते रहें। झारखंड की भूमि पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य है। झारखंड हमारी जन्मभूमि और कर्मभूमि है।ये सारी बातें जयालक्ष्मी नाट्य कला मंदिरम संस्था के रंगकर्मी, लेखक, निर्देशक और ट्रस्टी ए बाबू राव ने भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए कही।
इस मौके पर बारी बारी से सभी ने उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित किया।
भगवान बिरसा पूरे झारखंड के भगवान हैं। हमें अपने कर्म भूमि और जन्म भूमि पर गर्व है। निरंजन योग शिक्षक रंगकर्मी ने उपरोक्त बातें कही।
संध्या 6 बजे भालूबासा सेंटर में पुष्पांजलि कार्यक्रम में जयालक्ष्मी नाट्य कला मंदिरम के सभी सदस्यों , कलाकारों में निरंजन, अंगीता, ओम, नारायण, पवन , आशीष, दीपशिखा आदि उपस्थित थे।