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झारखंड वार्ता न्यूज़

गढ़वा:- वर्ष 2023 के अवसान के साथ ही नव वर्ष 2024 के आगमन की धमक सुनाई देने लगी है। खबर लिखे जाने के 30 घंटे के बाद ही हम सभी नए वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक तरफ बीत रहे वर्ष की खट्टी मीठी यादें जेहन में ताजा हो रही हैं तो दूसरी तरफ नव वर्ष के पहले दूसरे दिन की संभावित सड़क दुर्घटनाओं की सोच कर कलेजा कांप रहा है। मालूम हो कि शहर के बगल से गुजरी नेशनल हाईवे अस्तित्व में आने के बाद से ही दुर्घटना का पर्याय बन चुका है। शायद ही कोई दिन ऐसा बीतता हो जिस दिन इस सड़क पर छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं नहीं होती हों। प्रत्येक सप्ताह एकाधिक मौतें होना भी अनिवार्य हो गया है। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो सड़क के अस्तित्व में आने के बाद से इस पर होने वाली दुर्घटनाओं में मरने वालों की सेंचुरी में मात्र कुछ मौतें ही बाकी हैं। पिछले वर्षों की घटनाओं पर नजर डाली जाए तो पहली जनवरी एवं दूसरी जनवरी को सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं की भयावह तस्वीर सामने आती है। कारण है कि नए वर्ष की अगवानी करने के लिए मस्ती में नाचते गाते नौजवान एवं किशोरों को दुर्घटनाओं की कोई चिंता नहीं होती। वह बेतहाशा अच्छी व चिकनी सड़क पर काफी तेज गति से गुजरने को नए वर्ष की सबसे बड़ी खुशी मानते हैं। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इसमें से अधिकांश युवा किसी न किसी नशे की गिरफ्त में होते हैं। जिसका नतीजा होता है कि एक दूसरी गाड़ी में ठोकर मारने एवं पलट कर दूर तक घिसटते जाने की भयावह घटनाएं सामने आती हैं। जिसमें कइयों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है। यह अलग बात है कि नववर्ष के मौके पर पिकनिक स्पॉट पर संभावित दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की प्रशासन ने सख्त ताकीद करते हुए तत्संबंधी व्यवस्था बनाए जाने का निर्देश दिया है। उधर अस्पताल को भी रेडी मोड में रहने का इस दिन निर्देश दिया जाता है। लेकिन यहां अति आवश्यक है कि नेशनल हाईवे की पूरी लंबाई में सुरक्षा व्यवस्था तैयार रखी जाए। इस स्थिति में हो सकता है कि वर्दी के खौफ में कुछ लोग मनमानी करने से बाज आवें। जिससे संभावित दुर्घटनाओं में कमी आए एवं जनहानि में रोक लगाई जा सके। यदि इस तरह की निरोधक सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाएगी तो निश्चित रूप से नव वर्ष के पहले दूसरे दिन अपना जिला मुख्यालय कई व्यक्तियों की मौत एवं घायलों का साक्षी बनेगा, ऐसे तो किसी की चाहत नहीं होती है की कोई भी व्यक्ति किसी भी दुर्घटना का शिकार हो लेकिन नए वर्ष के आगमन की खुमारी में युवक इस कदर डूब जाते हैं कि वो दुर्घटना की जद में आ जाते हैं। फिर भी आने वाले नए साल की शुरुआत में किसी भी तरह की दुर्घटना घटित ना हो इसके लिए जहां एक ओर पुलिस प्रशासन नज़र बनाए हुए है, तो वहीं अस्पताल प्रबंधन की तरफ से भी तैयारी की गई है