शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा) :– अनुमंडल मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में हिंदू नववर्ष के पहले महीने चैत्र के शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि को होने वाले लोक आस्था व सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को छठ व्रतियों ने पूरे विधि विधान के साथ डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं अगले दिन सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर चैती छठ व्रत का समापन करेगी। चैती छठ को लेकर श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखा गया। लोक परम्परा के अनुसार छठ के गीतों के साथ छठ व्रतियों ने सूप में फल फूल आदि के साथ डुबकी लगाकर भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया। मन्नत के अनुसार कई छठ व्रतियों को दंडवत करते घाट पर जाते देखा गया। दंडवत घाट पर जाने वाले छठवर्तियों के पैर छूने और आशीर्वाद लेने की भी होड़ देखी गई।
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इस पर्व में व्रतधारियों ने करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है। मानता है कि चैती छठ का व्रत रखने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की सलामती और उनकी लंबी आयु के लिए रखती है। चैत्र मास की नवरात्रि में चैती छठ पड़ता है। श्री बंशीधर नगर मुख्यालय में स्थित विख्यात बाबा बंशीधर मंदिर के बाकी नदी के तट पर अवस्थित अतिप्राचीन सूर्य मंदिर परिसर में छठ घाट पर चैती छठ को लेकर आकर्षक ढंग से सजाया गया था।
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