---Advertisement---

पाक सेना के काफिले पर फिर एक बार बड़ा हमला,25 सैनिकों की मौत, कई गंभीर

On: August 21, 2025 8:53 AM
---Advertisement---

एजेंसी:पाकिस्तान मे एक बार फिर सेना पर बड़े हमले की खबर आ रही है। खैबर पख्तूनख्वा में जिला बाजौर की सबसे बड़ी कमर्शियल मार्केट इनायत कलाई में सेना की गाड़ी पर हमले की खबर सामने आ रही है। इस घटना में गाड़ी में सवार जबरदस्त हमला हुआ है। जिसमें 25 जवानों की मौत की खबर है जबकि कई और जवानों के घायल होने की बात बताई जा रही है। जिसमें कई जवानों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रह है। घटना के बाद मार्केट में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि पश्तून लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के काफिले को निशाना बनाया है।

बताया जा रहा है कि पश्तून लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना के काफिले को निशाना बनाया है। वहीं कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इस हमले में पाक सेना के 25 ज्यादा जवानों की मौत और 50 से ज्यादा के घायल होने का दावा किया है।

जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में जिला बाजौर सबसे बड़ी कमर्शियल मार्केट इनायत कलाई है। इस मार्केट की मुख्य सड़क से बुधवार को सेना की एक गाड़ी गुजर रही थी। तभी गाड़ी में एकाएक विस्फोट हो गया। जिसके बाद वहां अफरातफरी मच गई। लोगों ने घटनास्थल से दूर हटकर खुद को बचाया। बताया जा रहा है कि सेना की गाड़ी में 80 से ज्यादा बैठे थे। दावा किया जा रहा है कि इस घटना में 25 ज्यादा जवानों की मौत हो गई है, जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए हैं। घटना के कई अलग-अलग वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं।

12 अगस्त को पाकिस्तान में बलूचिस्तान में पाक सेना की एक गाड़ी पर हमला हुआ था। इस घटना में भी 9 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली थी। वाशुक जिले में दर्जनों आतंकवादियों ने एक पुलिस थाने और एक सीमा बल परिसर पर हमला किया था। इसके बाद जब सेना आगे बढ़ रही थी। तभी उन पर फायरिंग की गई। जिसमें ने 9 सैनिकों की मौत हो गई।

खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान 2 दशकों से अशांति

खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान लगभग 2 दशकों से अशांति का सामना कर रहा है। स्थानीय जातीय बलूच समूह और उनसे जुड़े अन्य दल पाकिस्तान सरकार पर प्रांत की खनिज संपदा के दोहन का आरोप लगाते हैं। हाल ही में, बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर कई हमले भी किए हैं।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

Join WhatsApp

Join Now