लोहरदगा: जिले के तीन गांवों में तकरीबन डेढ़ दर्जन हाथियों ने इस कदर उत्पाद मचाया कि लोग दहशत में है। पहाड़ से हाथियों का काफिला गांव में घुसा और गांव के कई घरों को रौंद डाला। घर में सो रहे सीताराम उरांव को तो सूंढ में लपेटकर बेरहमी से कुचलकर मार डाला। परिवार वालों को 60 वर्षीय सीताराम का शव इस तरह मिला कि उसे टोकरी में डालकर घर लाना पड़ा।घटना के बाद जिला प्रशासन ने वन विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं। टीम गांव पहुंच चुकी है और हालात पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि केवल कार्रवाई का आश्वासन काफी नहीं होगा, बल्कि उन्हें सुरक्षा का ठोस भरोसा चाहिए।
प्राप्त जानकारी केअनुसार हाथियों ने पहले मगरा उरांव का घर पर हमला बोला और फिर सीताराम के घर पर धावा बोल दिया। वे भाग भी नहीं सके। हाथियों ने उन्हें सूंड़ में लपेटा और 100 मीटर दूर ले जाकर बेरहमी से कुचल डाला।
हमले के वक्त गांव के अमर भगत और बिलतु भगत छत पर चढ़कर किसी तरह अपनी जान बचा पाए। वहीं, ग्रामीण बताते हैं कि यह पहली बार नहीं है जब हाथियों ने कहर बरपाया हो। पिछले दो दिनों से हाथियों का झुंड लगातार गांव में घुसकर तबाही मचा रहा है। बुधन महली, मंटू उरांव, सारू उरांव, चोरों उरांव और भीखाराम उरांव जैसे कई परिवार अपने टूटे-फूटे घरों के मलबे के बीच बेबस खड़े हैं।
दहशत और आक्रोश में गांव
लगातार हमलों से तान गांव का हर परिवार डरा हुआ है। बच्चे मां की गोद में सहमे हैं, बुजुर्ग रातभर जाग रहे हैं और औरतों की आंखों में सुरक्षा की चिंता झलक रही है। ग्रामीणों का आक्रोश भी चरम पर है। उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।