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हर तीन में से एक UPI लेनदेन असुरक्षित, Google Pay पर उठे सवाल

On: October 11, 2025 5:17 PM
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Google Pay: भारत में डिजिटल भुगतान का दायरा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही साइबर धोखाधड़ी का खतरा भी चिंताजनक रूप से बढ़ा है। दूरसंचार विभाग (DoT) की एक हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि देश में हर तीन में से एक UPI लेनदेन अब भी सरकारी फ्रॉड सुरक्षा तंत्र (FRI सिस्टम) के दायरे में नहीं आता।

🔹 Google Pay अब तक नहीं जुड़ा FRI से

रिपोर्ट के अनुसार, इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण यह है कि Google Pay ने अभी तक Fraud Risk Indicator (FRI) सिस्टम को अपने प्लेटफॉर्म में शामिल नहीं किया है।
DoT के अनुसार, Google Pay देश के कुल UPI लेनदेन का करीब 30–35% हिस्सा संभालता है, लेकिन इसके बावजूद कंपनी का सिस्टम फिलहाल सरकारी सुरक्षा ढांचे से जुड़ा नहीं है।
इसका अर्थ है कि हर महीने करोड़ों ट्रांजैक्शन बिना किसी सरकारी फ्रॉड जांच के पूरे हो रहे हैं।

Google India के पब्लिक पॉलिसी हेड राजेश रंजन ने बताया कि कंपनी DoT के साथ FRI के इंटीग्रेशन पर बातचीत कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि Google के पास पहले से अपनी AI-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम ‘DigiKavach’ मौजूद है, जो संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने में सक्षम है।

🔹 क्या है FRI टूल?

Fraud Risk Indicator (FRI) एक तकनीकी प्रणाली है जिसे DoT ने विकसित किया है। यह मोबाइल नंबरों और बैंक खातों को उनके जोखिम स्तर (Low, Medium, High Risk) के आधार पर वर्गीकृत करता है।
अगर कोई अकाउंट “High Risk” श्रेणी में पाया जाता है, तो सिस्टम लेनदेन को रोक सकता है या उपयोगकर्ता को तुरंत चेतावनी देता है।
इस टूल का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन भुगतान में बढ़ते फिशिंग, स्कैम और फ्रॉड से उपभोक्ताओं की रक्षा करना है।

🔹 PhonePe और Paytm ने दिखाई तत्परता

जहां Google Pay ने अभी तक FRI नहीं अपनाया है, वहीं PhonePe और Paytm ने इसे अपने प्लेटफॉर्म पर सफलतापूर्वक लागू कर लिया है।
DoT के मुताबिक, इन दोनों कंपनियों ने FRI टूल की मदद से करोड़ों रुपये की संभावित धोखाधड़ी को रोका है।

PhonePe ने अब तक लगभग ₹125 करोड़ के फ्रॉड से अपने ग्राहकों को बचाया।

Paytm ने करीब ₹68 करोड़ की धोखाधड़ी को रोकने में सफलता हासिल की।

🔹 RBI ने दी थी सख्त समयसीमा

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जून 2025 में सभी बैंकों और पेमेंट कंपनियों को FRI सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए थे।
RBI का मानना है कि यह कदम डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने और उपभोक्ता विश्वास मजबूत करने के लिए बेहद अहम है।

🔹 साइबर फ्रॉड के बढ़ते आंकड़े

DoT की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में साइबर फ्रॉड के मामलों में पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से वृद्धि दर्ज की गई है।

2022 में दर्ज मामले: 10.29 लाख

2024 में बढ़कर: 22.68 लाख

सरकार अब तक 9.4 लाख सिम कार्ड और 2.6 लाख IMEI नंबर धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में ब्लॉक कर चुकी है।
इसके बावजूद विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सभी प्रमुख UPI प्लेटफॉर्म FRI जैसे सुरक्षा सिस्टम से नहीं जुड़ते, तब तक डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा अधूरी रहेगी।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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