रांची: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुमला जिले में धान खरीद में सामने आई गंभीर अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कड़ा एक्शन लेने की मांग की है। मरांडी ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तथा उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की मांग की है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि गुमला जिले में धान खरीद के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुआ है, जिसमें वास्तविक किसानों को लाभ से वंचित कर बिचौलियों को फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अनियमितता सिर्फ निचले स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे संगठित साजिश प्रतीत होती है।
बाबूलाल मरांडी ने पत्र में स्पष्ट शब्दों में कहा है कि, इतने बड़े पैमाने पर धान खरीद में गड़बड़ी किसी शीर्षस्थ पदाधिकारी या सरकार के नेतृत्व की जानकारी के बिना संभव नहीं लगती।
उन्होंने आशंका जताई कि गुमला जैसी स्थिति पूरे राज्य में भी हो सकती है और धान खरीद व्यवस्था एक बड़े घोटाले का रूप ले चुकी है।


नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से निम्नलिखित मांगें की हैं:
जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। भ्रष्टाचार में लिप्त पदाधिकारियों को तत्काल सेवा से बर्खास्त किया जाए। पूरे राज्य में धान खरीद प्रक्रिया की उच्चस्तरीय निगरानी सुनिश्चित की जाए। वास्तविक किसानों को ही लाभ मिले, इसके लिए सख्त व्यवस्था लागू की जाए। धान खरीद प्रक्रिया से बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त की जाए।
किसानों के साथ अन्याय का आरोप
मरांडी ने कहा कि सरकार की नीतियों और प्रशासनिक लापरवाही के कारण मेहनतकश किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं, जबकि कागजों पर धान खरीद दिखाकर कुछ लोग सरकारी धन की बंदरबांट कर रहे हैं। यह न केवल आर्थिक अपराध है, बल्कि किसानों के साथ सीधा अन्याय भी है।
सरकार से पारदर्शिता की मांग
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि धान खरीद प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं की पुनरावृत्ति न हो और किसानों का सरकार पर भरोसा कायम रह सके।











