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डीपीएस रांची में ‘सेवा पर्व 2025’ के तहत पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन

On: September 24, 2025 10:25 PM
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रांची: दिल्ली पब्लिक स्कूल, ने इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स (आईजीएनसीए), रीजनल सेंटर रांची द्वारा आयोजित एक जीवंत पेंटिंग कार्यशाला की सफल मेज़बानी की। यह कार्यशाला संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के दूरदर्शी मार्गदर्शन में चल रहे राष्ट्रीय पहल ‘सेवा पर्व 2025’ का हिस्सा थी। यह पहल माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित “विकसित भारत@2047” के स्वप्न से प्रेरित है।

कार्यशाला का विषय ‘विकसित भारत’ रखा गया था, जिसमें झारखंड के 15 विद्यालयों से आए लगभग 100 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम में माननीय श्री संजय सेठ, रक्षा राज्य मंत्री एवं सांसद, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। वहीं माननीय श्री सी. पी. सिंह, विधायक, विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। विशेष अतिथि के रूप में पद्मश्री श्री मुकुंद नायक एवं पद्मश्री श्री महावीर नायक ने अपनी कला और अनुभव से प्रतिभागियों को प्रेरित किया। कार्यशाला का संचालन डॉ. कुमार संजय झा, क्षेत्रीय निदेशक (आईजीएनसीए) और डॉ. कमल बोस के सहयोग से हुआ। निर्णायक मंडल ने चित्रों का मूल्यांकन अत्यंत सावधानीपूर्वक किया।

मुख्य अतिथि श्री संजय सेठ ने विद्यार्थियों को रचनात्मकता के माध्यम से एक प्रगतिशील भारत की परिकल्पना करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कला सांस्कृतिक पहचान को आकार देती है और सेवा पर्व जैसे आयोजन विद्यार्थियों में देशभक्ति और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना का संचार करते हैं।

विशिष्ट अतिथि श्री सी. पी. सिंह ने डीपीएस रांची की सराहना करते हुए कहा कि विद्यालय ने छात्रों को अपनी कलात्मक प्रतिभा प्रदर्शित करने का अद्भुत मंच दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ नई पीढ़ी को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ती हैं।

पद्मश्री श्री मुकुंद नायक ने कहा कि कला कहानी कहने और लोक परंपराओं को जीवित रखने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे अपनी रचनात्मकता के माध्यम से विकसित भारत की परिकल्पना को अभिव्यक्त करते रहें।

पद्मश्री श्री महावीर नायक ने कहा कि कला राष्ट्र की आशाओं और सपनों को प्रतिबिंबित करती है। उन्होंने छात्रों से अनुशासन और समर्पण के साथ सृजनात्मक उत्कृष्टता की ओर बढ़ने का आग्रह किया।

डीपीएस रांची की प्राचार्या डॉ. जया चौहान ने विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की और आईजीएनसीए के साथ सहयोग को सराहा। उन्होंने कहा कि अकादमिक गतिविधियों के साथ रचनात्मकता का पोषण विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

विजेताओं को क्रमशः ₹10,000, ₹5,000 और ₹2,500 की नगद राशि प्रदान की जाएगी, साथ ही दो प्रतिभागियों को ₹1,000 के प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस आयोजन ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे अपनी कलात्मक प्रतिभा को विकसित भारत की परिकल्पना के लिए समर्पित करें।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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