नई दिल्ली: भारतीय सेना ने बुधवार को स्वदेशी रूप से विकसित किए गए आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण लद्दाख क्षेत्र में 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर किया गया। यह परीक्षण सेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में किया, जिन्होंने इस प्रणाली को विकसित किया है। परीक्षण के दौरान सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने बहुत तेज गति से उड़ रहे हवाई लक्ष्यों पर सीधा प्रहार किया। यह परीक्षण बहुत अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में किया गया। आकाश प्राइम सिस्टम अब भारतीय सेना की हवाई सुरक्षा की तीसरी और चौथी यूनिट (रेजिमेंट) का हिस्सा बनेगा। इसका मतलब है कि अब यह नई प्रणाली सेना की और दो टुकड़ियों में शामिल की जाएगी ताकि दुश्मन के हवाई हमलों से और बेहतर तरीके से रक्षा की जा सके।
आकाश की ताकत
पहलगाम हमले के बाद भारत ने आंतक पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसमें भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। इससे भड़ककर पाक ने भारत पर ड्रोन अटैक किए थे। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन ड्रोन को हवा में तबाह कर दिया था। इस दौरान आकाश मिसाइलों ने बड़ी भूमिका निभाई थी। अब डीआरडीओ ने इसके प्राइम वर्जन का परीक्षण किया है। एक आकाश बैटरी में तीन मिसाइलों वाले चार लांचर होते हैं। प्रत्येक बैटरी 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर 12 लक्ष्यों पर हमला कर सकती है। मिसाइल में एक 60 किलो का उच्च विस्फोटक है। आकाश सिस्टम पूरी तरह से मोबाइल है और वाहनों के एक चलते काफिले की रक्षा करने में सक्षम है। यह सिस्टम 2,000 किमी के क्षेत्र के लिए एयर डिफेंस को सुरक्षा देता है।