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पलामू: जिले में अपराध की दुनिया का बड़ा नाम रहे कुख्यात आपराधिक गिरोह के सरगना गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह ने आखिरकार हथियार डाल दिए। सोमवार को पलामू पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन के समक्ष उसने आत्मसमर्पण किया। डब्लू सिंह के आत्मसमर्पण को पुलिस बड़ी सफलता मान रही है, क्योंकि झारखंड में यह पहला मौका है जब किसी सक्रिय आपराधिक गिरोह का सरगना खुद पुलिस के सामने हथियार डालने पहुंचा।


पलामू से पूरे झारखंड तक फैला नेटवर्क

डब्लू सिंह मूल रूप से पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के फुलांग गांव का रहने वाला है। साल 2006-07 से वह अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया था। धीरे-धीरे उसका नेटवर्क सिर्फ पलामू तक सीमित नहीं रहा, बल्कि गढ़वा, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची और जमशेदपुर जैसे जिलों में भी फैल गया।

37 मामले दर्ज, कई संगीन आरोप

पलामू पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, डब्लू सिंह पर 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, लूट, रंगदारी और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। उस पर झारखंड पुलिस की ओर से 40 हजार रुपये का इनाम घोषित था, जबकि 5 लाख रुपये का इनाम प्रस्तावित किया गया था।

आजीवन कारावास की सजा के बाद फरारी

साल 2016 में पलामू कोर्ट ने डब्लू सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में वह जमानत पर जेल से बाहर आ गया और तभी से फरार चल रहा था। पुलिस और प्रशासन के लिए उसकी गिरफ्तारी लंबे समय से चुनौती बनी हुई थी।

कुणाल सिंह हत्याकांड से जुड़ा नाम

3 जून 2020 को पलामू के मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र में कुख्यात गैंगस्टर कुणाल सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में डब्लू सिंह गिरोह का नाम सामने आया था। इसके बाद से ही वह भूमिगत हो गया था और पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी।

आत्मसमर्पण को माना जा रहा बड़ा कदम

पलामू एसपी रिष्मा रमेशन ने कुख्यात गिरोह के सरगना गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के आत्मसमर्पण की पुष्टि करते हुए कहा कि यह पुलिस और समाज के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने उम्मीद जताई कि डब्लू सिंह का यह कदम अपराध की राह पर चल रहे अन्य युवाओं के लिए भी संदेश बनेगा कि वे मुख्यधारा में लौटें।