मांगों पर विचार नहीं होने पर उग्र आंदोलन की धमकी
दो वर्षों के कोर्स को 15 दिनों में पूरा कर निबंधन के खिलाफ पैरामेडिकल स्टाफों ने खोला मोर्चा, एमजीएम में जोरदार प्रदर्शन
जमशेदपुर: प्रदेश के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दो साल के कोर्स को 15 दिनों में पूरा करा निबंधन के खिलाफ पारा मेडिकल स्टाफों ने मोर्चा खोल दिया है। इसके खिलाफ एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल स्टाफ होने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान स्वास्थ्य झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ है है के नारे लगे। मांगों पर विचार नहीं होने पर और उग्र आंदोलन की धमकी दी गई।
पारा मेडिकल स्टाफ का कहना है कि उन लोगों ने दो साल का डिप्लोमा कोर्स के साथ एक साल का इंटर्नशिप को भी पूरा किया है। जिसके बाद वे लोग अनुबंध पर काम कर रहे है। अब झारखंड सरकार द्वारा पारामेडिकल स्टाफ को स्थाई करने के लिए कुल 600 से ज्यादा पद निकाले गए है। जिसके लिए झारखंड में निबंधन होना आवश्यक है। अब पूर्व में जिन लोगों ने राज्य के बाहर छह माह का कोर्स किया है उन्हें मात्र 15 दिनों की ट्रेनिंग देकर उनके बराबर ही दर्जा दिया जा रहा है। साथ ही झारखंड में उनका निबंधन भी करा दिया जा रहा है। अब पारामेडिकल स्टाफ अपने खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
पारामेडिकल स्टाफ के मुताबिक पूर्व में इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई थी जिसके बाद मामले को संज्ञान में लिया गया था पर अब फिर से 15 दिनों की ट्रेनिंग देकर निबंधन कराया जा रहा है।पारामेडिकल स्टाफ एसोसिएशन द्वारा कई बार बन्ना गुप्ता से शिकायत की गई पर कोई समाधान नहीं निकला।उन्होंने डीएलसी को भी इसकी जानकारी दी पर कोई भी उनकी मदद को तैयार नहीं है।
बताया गया कि जितने भी रिक्त पदों की भर्ती निकाली गई है उसमें भी 50 प्रतिशत आरक्षित है। पारा मेडिकल स्टाफ ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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