Pawan Singh: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और गायक पवन सिंह ने मंगलवार को लगातार तीन बड़ी मुलाकातें करके सियासी गलियारों में हलचल मचा दी।
सबसे पहले पवन सिंह ने दिल्ली में राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से भेंट की। इसके बाद वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। इस मुलाकात के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े और संगठन महासचिव ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद थे। करीब 30 मिनट चली इस बैठक के बाद पवन सिंह ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की और हाथ जोड़कर बाहर निकल गए।
इसके तुरंत बाद पवन सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के आवास पहुंचे और उनसे मुलाकात की। मुलाकात के बाद मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में पवन सिंह ने कहा, “हम बीजेपी से अलग हुए ही कब थे, हम तो साथ ही हैं।” उनके इस बयान ने पार्टी में उनकी घर वापसी की अटकलों को पुख्ता कर दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पवन सिंह की वापसी से बीजेपी को शाहाबाद क्षेत्र की 22 विधानसभा सीटों पर लाभ मिल सकता है। बीते लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर एनडीए को भारी नुकसान पहुंचाया था। उस समय एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा और सीट महागठबंधन के खाते में चली गई।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले पवन सिंह ने बीजेपी ज्वाइन किया था, लेकिन पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से टिकट दिया। इस पर पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था और काराकाट से निर्दलीय मैदान में उतर गए थे, जहां उन्हें हार झेलनी पड़ी।
अब एक बार फिर पवन सिंह की बीजेपी में सक्रिय एंट्री से सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी आगामी बिहार चुनाव में पवन सिंह की लोकप्रियता और स्टार पावर का पूरा फायदा उठाने की रणनीति बना रही है।
बिहार चुनाव से पहले पवन सिंह की बीजेपी में घर वापसी, बढ़ी सियासी हलचल

