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केतार: दिन प्रतिदिन बढ़ते तापमान से आम लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। उसके साथ-साथ पानी की घोर किल्लत गहराते जा रहा है। लोगों को पेयजल उपलब्ध करने में मुश्किलों की सामना करना पड़ रहा है। प्रखंड में जल नल योजना सिर्फ हाथी का दांत साबित हो रहा है।अधिकतर जल नल योजना से लगाए जल मीनार सुख गए हैं। कुछ जलमीनार से पानी का सप्लाई नही हो रहा है।

प्रखंड के मुकुंदपुर पंचायत अंतर्गत बेलाबार,आदिवासी बहुल टोला मायर,मुकुंदपुर, सहित ताली में कई चापाकल,जल नल योजना से लगाए कई जलमीनार से पानी का सप्लाई नहीं हो रहा है।अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र बेलाबार के कुशवा टोले में एक जल मीनार है जो चार माह से भी अधिक समय से बेकार पड़ा है।जिससे मवेशियों सहित पेयजल उपलब्ध करने में दूर का सफर तय करना पड़ता है।

इस टोले के असीमा बीबी,अबीदा बीबी,बानो बीबी,खुश्ता बीबी,तैबुन बीबी,नुरेशा बीबी,नजरूम बीबी सकीना बीबी,समीना बीबी,कुरैशा बीबी,शैयरा बीबी,शायदा बीबी सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि हमलोगों के टोले में स्थित जल मीनार चार माह से बेकार पड़ा है। कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासन सुधि नहीं ले रहे है।जिससे हमलोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं।महिलाओं ने बताया कि इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को सूचित किया गया परंतु कोई सकारात्मक पहल नहीं किया।

सभी महिलाओं ने प्रशासन से शीघ्र खराब पड़े जलमीनार को दुरुस्त करने का आग्रह किया है।वही इस टोले के बगल में आदिवासी बहुल टोला मायर के इंद्रदेव सिंह ने बताया की कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में मेरा पुत्र का मृत्यु हो गया था।उसका दाह संस्कार में दूर से पानी ला रहे थे।जबकि जल नल योजना से लगे जल मीनार कई माह से पानी की सप्लाई लाई नहीं हो पा रहा है। वही कामेश्वर सिंह के घर के पास का जल मीनार से आंधी तूफान में सोलर पैनल गिर जाने से चकनाचूर हो गया है। परंतु अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया।

मुकुंदपुर उमवि मुकुंदपुर के बगल में कुछ दिन बाद दोबारा नया लगाया गया सिंटेक्स फट जाने से पेयजल की घोर किल्लत हो गया है।बगल में पंचायत सचिवालय, पर्यटन स्थल श्री सूर्य नारायण मंदिर परिसर में कई चापाकल सहित ताली के निमिया टोला चांदनी चौक स्थित दिनेश साह के घर के पास जलमीनार दो वर्षों से खराब है।लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है।

स्थानीय सत्येंद्र साह,फलेंद्र साह,मौजी साह,विनोद साह,रामजी साह,सुखाड़ी साह,शंभू साह ने बताया की खराब पड़े जलमीनार को दुरुस्त करने के लिए कई बार प्रतिनिधि एवं प्रशासन को सूचित किया गया,परंतु अभी तक कोई कारगर पहल नहीं किया गया।