कोप्पल: कर्नाटक के कोप्पल में स्थित विजयनगर श्री कृष्णदेवराय विश्वविद्यालय में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। यहां एक छात्र की मार्कशीट में उसकी अपनी तस्वीर के बजाय किसी स्वामीजी की फोटो छप गई।
मामला कैसे सामने आया
देवराज मूलीमनी नामक छात्र, गविसिद्धेश्वर आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस कॉलेज में पढ़ता है, जो विजयनगर श्री कृष्णदेवराय विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है। उसने एकीकृत विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय प्रबंधन प्रणाली (UUCMs) के जरिए ऑनलाइन मार्कशीट के लिए आवेदन किया था। कुछ दिनों बाद मिली मार्कशीट को देखते ही देवराज हैरान रह गया, उसमें उसकी जगह किसी धार्मिक गुरु की तस्वीर थी।
छात्र का विरोध और वायरल तस्वीर
अपनी मार्कशीट में स्वामीजी की फोटो देखकर देवराज ने विश्वविद्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। यह तस्वीर और मामला सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे।
विश्वविद्यालय का स्पष्टीकरण
विश्वविद्यालय के मूल्यांकन रजिस्ट्रार एन.एम. साली ने सफाई देते हुए कहा कि छात्र ने खुद UUCMs पोर्टल पर अपनी जानकारी अपलोड की थी और विश्वविद्यालय उसे सत्यापित नहीं करता। रजिस्ट्रार के अनुसार, पोर्टल से जो डेटा आता है, वही प्रिंट कर छात्र को दिया जाता है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि तस्वीर की गलती पोर्टल पर डेटा एंट्री में हुई हो सकती है।
यह घटना विश्वविद्यालय के डेटा प्रबंधन तंत्र और उसके सत्यापन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है।
• क्या छात्रों की जानकारी अपलोड होने के बाद कोई वेरिफिकेशन प्रक्रिया नहीं होती?
•त्रुटियों को पकड़ने के लिए क्या कोई प्रूफिंग सिस्टम मौजूद है?
• ऐसी गलती दोबारा न हो, इसके लिए जिम्मेदारी किसकी होगी, पोर्टल संचालकों की या विश्वविद्यालय की?










