झारखंड वार्ता
इजरायल-हमास युद्ध:- इजरायल-हमास युद्ध को एक महीना हो चुका है। गाजा पट्टी में अब तक बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई है। जो कभी गाजा का सबसे व्यस्त मार्ग था अब वह युद्ध से भागते नागरिकों का रास्ता बन गया है। लोग दिन-रात पलायन कर रहे हैं। ज्यादातर लोग पैदल चल रहे हैं और कुछ लोग गधों पर सवार होकर युद्धग्रस्त गाजा को छोड़कर जा रहे हैं। दक्षिण दिशा की ओर पलायन कर रहे लोगों ने अपनी आपबीती बताई। लोगों ने कहा कि उन्होंने फोर-लेन हाईवे पर इजरायली टैंको को जैसे ही देखा, वैसे ही अपने हाथ उठाए और सफेद झंडा लहराने लगे। कुछ लोगों ने बताया कि इजरायली सैनिकों ने उन पर गोलीबारी की और यह भी बताया कि सभी सड़क शव से भरे हुए हैं।

कोई पैदल तो कोई गधे पर
कई लोग जान बचाने के लिए अपना सामान छोड़कर पैदल हीं पलायन कर रहे हैं। कुछ लोग गधा गाड़ी में बैठकर शहर छोड़ कर जा रहे हैं। गाजा पट्टी के उत्तर में, लगातार हवाई हमलों के बाद इजरायली थल सेना ने हमास के गढ़ गाजा शहर को घेर लिया है। गाजा पट्टी को काटकर सैनिक लगातार आगे बढ़ रहे हैं। फिलिस्तीनियों को उत्तरी गाजा से खदेडने की कोशिश की जा रही है। नागरिकों को दक्षिण दिशा की ओर जाने को कहा जा रहा है। लेकिन इजरायली सेना की चेतावनी के बाद भी उत्तर गाजा में ही रह गए हैं। कुछ लोगों ने कहा कि जो लोग उत्तर की ओर पलायन कर रहे हैं उन पर गोलीबारी भी हो रही है। इनमें से कई लोगों ने अस्पतालों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित फैसिलिटी में शरण ली हुई है। जो लोग रुके हुए हैं उनका कहना है कि वे दक्षिण में भीड़भाड़ के साथ-साथ पानी और भोजन की घटती आपूर्ति और सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र में इजरायल के द्वारा की जाने वाली हवाई हमलों से भयभीत हैं। भय के कारण ये लोग उत्तर गाजा में रुके हुए हैं।

शवों का अंबार
गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने बताया की कई दिनों से सड़कों पर शवों का अंबार लगा हुआ है। उन्होंने रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति से मृतकों को निकालने के लिए स्थानीय एम्बुलेंसों का साथ देने की मांग की है। युद्ध के समय गाजा में पानी एक दुर्लभ संसाधन बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार 1 माह के इस युद्ध में 15 लाख लोगों को विस्थापित किया गया है।
