महागठबंधन के विधायकों को हैदराबाद ले जाने का प्लान फेल, सियासत में सस्पेंस बरकरार!
रांची: झारखंड की राजनीति में फिर से एक बार सरकार किसकी बनेगी इसको लेकर उहापोह की स्थिति कायम है। विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश तो कर दिया है लेकिन राज्यपाल ने अभी तक हरी झंडी नहीं दी है।जिसके कारण झारखंड की राजनीति में सस्पेंस बरकरार है। इधर महागठबंधन को विधायकों की हार्स ट्रेडिंग का डर सता रहा है। जिन्हे बचाने के लिए विशेष चार्टर प्लेन से तेलंगाना के हैदराबाद सुरक्षित जगह पर ले जाने की तैयारी थी लेकिन खराब मौसम ने भी इन्हें दगा दे दिया। रांची से हैदराबाद की फ्लाइट कैंसिल कर दी गई है। महागठबंधन के 38 विधायक सर्किट हाउस लौट रहे हैं।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की भी ताबड़तोड़ बैठक और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के झारखंड में दिलचस्पी ने झारखंड के सियासत में हलचल मचाने को काफी है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश भाजपा प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई के साथ राजनीतिक हालात पर चर्चा की है अगली रणनीति तैयार की जा रही है। शुक्रवार को भाजपा के विधायकों की बैठक भी होने वाली है। इधर पार्टी महासचिव बी एल संतोष भी रांची आने वाले हैं।
वहीं जिसको लेकर झारखंड के सियासत में सस्पेंस बरकरार है चर्चा की राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है।
वहीं मीडिया में खबरों के मुताबिक झारखंड के चार विधायक रामदास सोरेन चमरा लिंडा लोबिन हेंब्रम और एक विधायक लापता है।
वहीं चर्चा यह भी है कि शिबू सोरेन चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनना नहीं देना चाहते हैं। वह बसंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। ऐसा दावा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने किया है। वहीं सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन के 18 विधायक भाजपा के संपर्क में है।
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