रांची: झारखंड सरकार ने जनगणना-2027 की तैयारी को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक राज्य की किसी भी प्रशासनिक इकाई की क्षेत्रीय सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। उनका मानना है कि स्थिर प्रशासनिक सीमाओं के बिना जनगणना कार्यों की शुचिता, पारदर्शिता और सुचारु संचालन सुनिश्चित करना मुश्किल होगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि में सभी सीमा परिवर्तन पर रोक रहेगी, ताकि जनगणना कार्यों में कोई व्यवधान न आए और आंकड़े पूरी तरह सटीक हों। साथ ही, 31 दिसंबर 2025 तक हुए सभी सीमा परिवर्तनों से संबंधित सूचनाएं और अधिसूचनाएं समय पर जनगणना कार्य निदेशालय, झारखंड, रांची को भेजी जाएंगी।
जनगणना-2027 की प्रक्रिया अप्रैल 2026 से शुरू होगी। इस बार यह पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस होगी। हाउस लिस्टिंग और डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा, जो 16 भाषाओं में डेटा संग्रह की सुविधा प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस बार की जनगणना में जाति आधारित आंकड़े भी शामिल होंगे, जिससे राज्य की सामाजिक और आर्थिक योजनाओं की दिशा और नीतियां अधिक सटीक रूप से बनाई जा सकेंगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल माध्यम से होने वाली यह जनगणना न केवल तेज़ और पारदर्शी होगी, बल्कि भविष्य में नीतिगत निर्णयों के लिए उपयोगी डेटा भी उपलब्ध कराएगी।
झारखंड में जनगणना की तैयारी, प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में परिवर्तन पर लगी पाबंदी












